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गुजरात में द्वीप विकास प्राधिकरण की दूसरी बैठक में 13 द्वीपों पर चर्चा

गांधीनगर, 11 नवंबर (वार्ता) मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित द्वीप विकास प्राधिकरण (आइलैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) की दूसरी बैठक में राज्य के 50 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाले द्वीपों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया गया।
1600 किलोमीटर लंबे समुद्र तट और 144 से अधिक द्वीपों वाले राज्य गुजरात ने इनके विकास के लिए गत अगस्त में ही इस प्रधिकरण का गठन किया था।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित इस प्राधिकरण में उप मुख्यमंत्री, पर्यटन मंत्री तथा वन एवं पर्यावरण मंत्री सहित अन्य वरिष्ठ सचिव बतौर सदस्य शामिल हैं। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए द्वीपों पर आर्थिक गतिविधि और पर्यटन को प्रोत्साहन देना है।
इसकी दूसरी बैठक में बताया गया कि पिरोटन, कालुभार, गांधीयाकड़ो, पानेरो, रोजी, अजाड़, भाईदर, शियाल, नोरा, पिरम, वालवोड, आलिया और केडिया इन 13 द्वीपों को विकास की संभावना वाले द्वीप के रूप में चिन्हित किया गया है। इनका ड्रोन तकनीक के जरिए मरीन पुलिस और तटरक्षक बलों की सहायता से सर्वे भी शुरू किया गया है।
इन द्वीपों के चयन, विशेषताओं और ज्वारभाटे की स्थिति जैसे मुद्दों को लेकर बैठक में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। खास तौर पर पिरोटन और शियाल द्वीप की पर्यटन विकास संभावनाओं को लेकर बैठक में समीक्षा की गई।
पिरोटन द्वीप के समीप स्थित न्यू बेडी बंदरगाह से वहां पहुंचने के बारे में तथा द्वीप पर नीम, नारियल, आंवला, बबूल और चेर के वृक्षों सहित प्रकाश स्तंभ की मौजूदगी के कारण इसके पर्यटन स्थल के रूप में विकास की प्रबल संभावनाओं की चर्चा बैठक में हुई। वहीं, शियाल द्वीप के संदर्भ में बैठक में बताया गया कि निकट स्थित पीपावाव पोर्ट से
शियाल द्वीप-सुवई द्वीप की दूरी तथा स्थानीय ग्राम पंचायत, बिजली और पाइपलाइन से जलापूर्ति की सुविधा तथा सुनहरी रेत वाला समुद्री तट (बीच) होने के कारण वहां भी पर्यटन विकास की संभावनाएं मौजूद हैं। मुख्यमंत्री ने इन द्वीपों की स्थिति का अधिक गहराई से अध्ययन कर व्यापक विकास संभावनाओं को तलाशने का सुझाव दिया।
बैठक में उप मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, राजस्व मंत्री, मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव, गृह, वन एवं पर्यावरण, शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, बंदरगाह, मत्स्योद्योग, सड़क एवं पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव, मेरीटाइम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुख्यमंत्री के सचिव भी उपस्थित थे।
रजनीश
वार्ता
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