राज्यPosted at: Feb 21 2017 2:54PM चुनाव-तस्वीर कुंडा उप्र दो कुंडा (प्रतापगढ)सपा सरकार के इसी कार्यकाल में कुंडा के पुलिस उपाधीक्षक रहे जियाउलहक हत्याकांड में भी राजा भैया का नाम सुर्खियों में आया था। उन्हे मंत्री पद से इस्तीफा देना पडा था। मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने की थी। सीबीआई से क्लीन चिट मिलने के बाद उन्हें फिर से मंत्री बना दिया गया था। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने उन्हे हमेशा तरजीह दी लेकिन पहली बार वह 1997 में कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में मंत्री बने। कल्याण सिंह को उन्हे राजनीतिक विवशता की वजह से मंत्रिमंडल में जगह देनी पडी थी। करीब 48 वर्षीय राजा भैया 25 वर्ष की उम्र में ही विधायक बन गये थे। उनके पिता उदय प्रताप सिंह ने उनकी शिक्षा दीक्षा दून स्कूल में करायी थी। कल्याण सिंह के बाद वह राम प्रकाश गुप्त और राजनाथ सिंह मंत्रिमंडल में भी मंत्री रहे। कुंडा में मतदान चौथे चरण में 23 फरवरी को है। राजा भैया इस क्षेत्र का राज्य विधानसभा में 1993 से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनके खिलाफ दस उम्मीदवार मैदान में हैं लेकिन क्षेत्र में राजा भैया की ही चर्चा है। कुछ लोगों का तो यह कहना है कि बाकी लोग दिखाने के लिए लड रहे हैं। यहां से तो राजा भैया ही जीतेंगे। उनके खिलाफ सपा ने उम्मीदवार नहीं खडा किया है, लेकिन बसपा और भाजपा प्रत्याशी भी कमजोर ही दिखायी पड रहे हैं। राजा भैया का क्षेत्र में प्रभाव का आलम यह है कि दूसरे दलों के वरिष्ठ नेताओं ने भी अपने उम्मीदवारों के पक्ष में यहां सभा नहीं की। शायद उन्हे पता है कि इस क्षेत्र में सभा करने से पार्टी उम्मीदवार को कोई फायदा नहीं मिलेगा। नरेन्द्र हिमांशु राज जारी वार्ता