राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Oct 17 2019 8:59PM उत्तर प्रदेश ग्राउण्ड वाटर मैनेजमेंट एवं रेगुलेशन एक्ट प्रख्यापितलखनऊ, 17 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश में तेजी से गिरते हुए भू-जल स्तर तथा इसकी गुणवत्ता के स्थायी समाधान के लिए संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण, प्रबंधन एवं नियमन की तत्काल आवश्यकता के मद्देनजर प्रदेश में पहली बार ग्राउण्ड वाटर (मैनेजमेन्ट एण्ड रेगुलेशन) एक्ट-2019 प्रख्यापित किया गया है। भूगर्भ जल विभाग के निदेशक वी के उपाध्याय ने गुरुवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के तहत समस्त सरकारी/अर्द्धसरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त कार्यालयों एवं निजी क्षेत्रों की संस्थाओं को भी अपने परिसर में रेनवाटर हार्वेंस्टिंग प्रणाली अनिवार्य रूप से स्थापित करनी होगी। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के तहत संकटग्रस्त क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए भूजल प्रबंधन के प्राविधान किये गये हैं। इसके साथ ही यह भी व्यवस्था की गयी है कि कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था किसी भी प्रकार से भूजल, नदी, तालाब, पोखर आदि को प्रदूषित न करे। अधिनियम के लागू होने से जनमानस को गुणवत्तापरक भूजल की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के प्रयास किये जा सकेंगे। निदेशक ने बताया कि अधिनियम के प्राविधानों के उल्लंघन और खासतौर से भूजल अथवा सतही जल को गन्दा करने वालों के खिलाफ कड़े दण्ड के प्राविधान किये गये हैं। मौजूदा समय में अधिनियम के विभिन्न प्राविधानों को समयबद्ध रूप से क्रियान्वित किये जाने के लिए नियमावली तैयार की जा रही है।त्यागीवार्ता