लखनऊ, 02 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अन्तर्राज्यीय स्तर पर मादक पदार्थो की तस्करी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को वाराणसी के रोहनिया क्षेत्र से गिरफ्तार कर उनके ट्रकों से 18.68 कुन्टल गांजा बरामद किया,जिसकी कीमत करीब साढ़े चार करोड़ रुपये आंकी गई है।
एसटीएफ प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अन्तर्राज्यीय स्तर पर मादक पदार्थो की तस्करी करने वाले गिरोह के ट्रक सवार तीन सदस्यों सीवान (बिहार) निवासी अमित कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर (बिहार) निवासी मो0 साकिब और शिवनाथ कुमार राम उर्फ सूरज को बुधवार रात साढ़े 11 बजे वाराणसी के रोहनिया से गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि उनके दो ट्रको से एसटीएफ ने 18.68 कुन्तल गांजा, तीन मोबाइल फोन, 16 हजार रुपये बरामद किये।
उन्होंने बताया कि पिछले काफी दिनों से पूर्वांचल के विभिन्न जिलो में मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले
तस्करों के सक्रिय होने की सूचना प्राप्त हो रही थी। तस्करों को पकड़ने के लिए एसटीएफ की विभिन्न टीमों को लगाया गया था। इसी क्रम सूचना संकलन के दौरान वाराणसी एसटीएफ की फील्ड इकाई को मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ तस्कर दो ट्रको में भारी मात्रा में गाॅंजा लेकर बिहार की तरफ से जी टी रोड होते हुये आ रहे हैं। इस सूचना पर एसटीएफ के निरीक्षक अमित श्रीवास्तव की एक टीम नाॅरकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों को साथ लेकर मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान पर रोहनिया क्षेत्र के जगतपुर इण्टर काॅलेज के पास से तीनो तस्करों को रात 23.30 बजे गिरफ्तार कर उनके कब्जे से उपरोक्त बरामदगी की।
प्रवक्ता ने बताया कि पूछताछ पर गिरफ्तार तस्करों ने बताया गया कि बरामद राम मनोहर यादव एवं ट्रक पश्चिम बंगाल निवासी रविन्द्र का है। दोनों ट्रकों में गांजा की तस्करी के लिये विशेष रूप से अलग से कैविटी बनायी गयी है, जिसमें यह गांजा छुपाकर तस्करी का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि कोलकाता निवासी डब्बू सिंह एवं प्रेम सिंह ने गांजा लेने के लिये सालूर (आन्ध्र प्रदेश) के रहने वाले माठी दादा के पास भेजा था, जहां इन दोनों ट्रकों में गांजा लादकर वाराणसी पहॅुचने के लिये बताया गया था। वाराणसी पहुॅचने के बाद डब्बू सिंह एवं प्रेम सिंह बताते कि गांजा किसके यहां देना है। उन्होंने बताया कि पकड़े गये तस्करों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगा
रही है।
त्यागी
वार्ता