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मेला प्रशासन को गुमराह कर ज्योतिष पीठ ने भूमि आवंटन करवाया: ओंकारनाथ

प्रयागराज,04 जनवरी (वार्ता) श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को ज्याेतिष पीठ की भूमि का माघ मेला में आवंटन नहीं किए जाने पर मेला प्रशासन पर गुमराह करके स्वामी स्वरूपानंद को ज्योतिष के साथ द्वारिका पीठ की भूमि आवंटन कराये जाने का आरोप लगाया गया है।
ज्योतिष पीठ की जमीन पर दावा करने वाले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के प्रवक्ता ओंकारनाथ त्रिपाठी ने प्रशासनिक कार्रवाई पर साेमवार को विरोध किया है। वे इसे उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना बताते हुए भूमि आवंटन नए सिरे से करने की मांग कर रहे हैं।
उन्होने कहा कि अभी स्वामी वासुदेवानंद जी शहर से बाहर हैं। उनके जल्द यहां पहुंचने की संभावना है । आने पर सभी पहलुओं पर चर्चा करके कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। सम्बधित अधिकारियाें को भी कानून और न्याय व्यवस्था से अवगत कराया जायेगा।
श्री त्रिपाठी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश में साफ लिखा है कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती कभी ज्योतिषपीठ पर पीठासीन नहीं हुए। स्वामी कृष्णबोधाश्रम को कभी पीठ नहीं मिली क्योंकि उसमें स्वामी शांतानंद सरस्वती विराजमान थे। स्वामी स्वरूपानंद खुद को कृष्णबोधाश्रम से ज्योतिष पीठ पाने का दावा करते हैं। ऐसे में उनका दावा खारिज हो गया है।
उन्होने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने आदेश पर रोक नहीं लगायी है और न/न ही उसे निरस्त किया है। ऐसे में स्वामी स्वरूपानंद को ज्योतिष पीठ की जमीन आवंटित करके शासन-प्रशासन ने कोर्ट के आदेश की अवमानना की है ।
उन्होने बताया कि स्वामी वासुदेवानंद और स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती , दोनो धर्मगुरूओं के बीच नवम्बर 1989 से मुकदमा चल रहा है। मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
गौरतलब है कि माघ मेला क्षेत्र में शिविर लगाने के लिए दोनों पक्ष ने ज्योतिष पीठ की जमीन एवं सुविधा मांगी थी। हालांकि मेला प्रशासन ने पिछले वर्ष आवंटन एवं पूर्व में कोर्ट के आदेशों का अनुपालन करते हुए स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को त्रिवेणी मार्ग पर ज्योतिष की जमीन आवंटित कर दी है ।
दिनेश विनोद
वार्ता
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