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उत्तर प्रदेश योगी पुलिस दो अंतिम लखनऊ

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आप प्रदेश के बड़े महानगरों को छोड़कर किसी भी छोटे जनपद में चले जाएं वहां जो सबसे ऊंची बिल्डिंग आपको दिखेगी वह हमारे पुलिस के जवानों की बिल्डिंग होगी।
योगी ने कहा कि पुलिसकर्मियों को टूटी पलंग, जर्जर भवनों में रहने के लिए मजबूर किया गया। जो पुलिसकर्मी पूरे दिन या पूरी रात ड्यूटी करके अपने बैरक लौटता था उसके लिए आराम करने की मुकम्मल व्यवस्था भी 2017 से पहले तक पिछली सरकारें नहीं दे सकीं। आज हर जनपद की पुलिस लाइन में, यहां तक कि हर थाने में या तो हाईराइज बिल्डिंग में हॉस्टल उपलब्ध करा दिया गया है, या जहां नहीं बना है तो वहां भी निर्माण प्रक्रियाधीन है। एक जवान जो 8 से 12 घंटे ड्यूटी करता है, जो कभी कभी 24 घंटे भी प्रदेश की जनता की सेवा करता है, हमारा दायित्व है कि हम उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति हर हाल में करें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 6 साल में सरकार ने लगभग 20 हजार करोड़ रुपए केवल पुलिस इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए खर्च किये हैं। पहले हमारे सामने चैलेंज था कि कर्फ्यू ग्रस्त, दंगाग्रस्त, माफियाओं से त्रस्त प्रदेश में जहां न व्यापारी सुरक्षित थे न बेटियां, जहां महीनों कर्फ्यू लगा होता था और जहां कोई आना नहीं चाहता था। आबादी में सबसे बड़ा लेकिन अर्थव्यवस्था के मामले में 6ठें-7वें नंबर पर भी हमारा प्रदेश नहीं था। यूपी आज देश का सबसे अग्रणी अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। आज हमारा यूपी सवार्धिक 10 लाख 24 हजार करोड़ रुपए के निवेश को जमीनी धरातल पर उतारने वाला प्रदेश बन चुका है। यूपी के परसेप्शन को बदलने में हमारी पुलिस की बड़ी भूमिका है।
योगी ने कहा कि पिछली सरकारों में पुलिसकर्मियों का प्रमोशन मेरिट आधारित न होकर पिक एंड चूज पर आधारित होती थी, यानी जो पसंद है उसे प्रमोशन दे दो। यही हाल भर्तियों में भी था। हमने 1,60,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती पारदर्शी ढंग से बिना भेदभाव के की। साथ ही डेढ़ लाख से अधिक पुलिसकर्मियों को प्रमोशन भी दिया। हमने ये सुनिश्चित किया कि हर जनपद से यूपी पुलिस के जवान भर्ती हो। हमने पुलिसकर्मियों के स्किल ट्रेनिंग की भी व्यवस्था की। 2017 तक जितनी क्षमता थी आज उससे तीन गुना ज्यादा क्षमता हमारे पास है। कुछ ही समय में हम हर जनपद में पीएएसी वाहिनी में ट्रेनिंग की अतिरिक्त क्षमता विकसित करेंगे। इसके बाद देश के अन्य राज्यों और पैरामिलट्री फोर्स को ट्रेनिंग देने की क्षमता भी हमारे पास होगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी प्रशांत कुमार, डीजी साइबर क्राइम सुभाष चंद्र, एडीजी डॉ एन रविन्द्र सहित प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण मौजूद रहे। इसके अलावा सभी 75 जनपदों में वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े जनप्रतिनिधिगण एवं पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
प्रदीप
वार्ता
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