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भूले बिसरे सुपर स्टारों की पीड़ा बयां करती है पुस्तक ‘भुला न देना’

लखनऊ 07 मार्च (वार्ता) वरिष्ठ पत्रकार और लेखक श्रीधर अग्निहोत्री की पुस्तक ‘भुला न देना’ रुपहले पर्दे के उन अभिनेताओं की पीड़ा को बयां करती है जिनकी चमक दमक को वक्त की धूल ने फीका कर दिया।
श्रीधर अग्निहोत्री ने बताया कि उनकी किताब में सिनेमा और टीवी के उन सुपर स्टार कलाकारों का जिक्र है, जिनकी वक्त के साथ चमक फीकी पड़ गई और वो भुला दिये गए। दो दशकों से अधिक समय से पत्रकारिता और लेखन से जुड़े श्री अग्निहोत्री कानपुर स्थित घर के आसपास का क्षेत्र खेल फिल्म और राजनीति का केन्द्र रहा जिसके कारण इन विषयों पर उनकी दिलचस्पी बढ़ती गयी जिसकी झलक उनके लेखन में भी साफ झलकती है। लेखक श्रीधर अग्निहोत्री का मानना है कि खेल, फिल्म, राजनीति पत्रकारिता और अन्य ग्लैमर के ऐसे क्षेत्र हैं। इनमें जब तक आपका सिक्का चल रहा है, लोग आपके आगे पीछे घूमते रहेंगे। जैसे ही आपका सितारा डूबा, ये सारे, जो आपके प्रिय हैं, वो आपसे दूर हो जाएंगे। इसी बात को लेकर उन्होंने यह पुस्तक ‘भुला न देना’ लिखी है।
चारबाग स्थित रवीन्द्रालय में चल रहे पुस्तक मेले में गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने श्री अग्निहोत्री की रचना का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होने पुस्तकों के प्रति युवाओं घटते रुझान पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि सूचना तकनीक के इस दौर में हम मोबाइल फोन के गुलाम हो चुके है जिससे बाहर निकलने की जरुरत है। कहीं इस एक हाथ के पकड़े डब्बे (मोबाइल फोन) के कारण हमारा दिमाग भी डब्बा न हो जाएं, क्योंकि जो हम सुनते हैं वहीं सोचते हें फिर वही करते हैं।
पुस्तक मेला में आज श्रीधर अग्निहोत्री की किताब भुला न देना के अलावा डा.मनीष शुक्ल के कथा संग्रह प्रोफेसर मां के लाल और रश्मि कौशल की पुस्तक महाशून्य का भी विमोचन श्री महाना ने किया।
इस अवसर पर डा.अमिता दुबे, सिद्धार्थ कलहंस, विनोद शुक्ल, अलका प्रमोद, रेखा बोरा, डा.शिल्पी शुक्ला, पंचानन मिश्र, मनोज शुक्ल मनुज, राजीव तिवारी, चंद्रभूषण सिंह, गजल गायक सरभजीत सिंह आदि मौजूद रहे।
प्रदीप
वार्ता
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