पटना, 15 मई (वार्ता) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महादलित परिवारों की बंदोबस्ती के बावजूद जमीन की रसीद नहीं काटे जाने की शिकायत पर कड़ा रुख इख्तियार करते हुए आज अधिकारियों को मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
श्री नीतीश कुमार से सोमवार को यहां 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में अररिया जिले से आए एक फरियादी ने गुहार लगाते हुए कहा कि जमीन बंदोबस्ती के बाद भी हम महादलित परिवारों की जमीन की रसीद नहीं काटी जाती है, जिससे हमेशा भगाए जाने का संशय बना रहता है। सुपौल जिले से आए एक समाजसेवी ने कहा कि उनके गांव के क्षतिग्रस्त पुल का पुनः निर्माण कराया जाए जिससे आवागमन सुलभ हो सके।
मुख्यमंत्री को सहरसा जिले से आए एक फरियादी ने कहा कि उनके इलाके में ग्रामीण सड़क का अब तक निर्माण नहीं हो सका है, जिससे आज भी उनका गांव पिछड़ा हुआ है। शेखपुरा जिले से आए एक व्यक्ति ने कहा कि उन्होंने अपनी भूमि की जमाबंदी के लिए आवेदन दिया, सारी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद भी उनकी जमीन, जो उनके नाम से है जमाबंदी करने की बजाए उसे बिका हुआ बताया जा रहा है, जबकि इस बार के सर्वे में भी भूमि उनके ही नाम पर चढ़ा हुआ है। उनकी जमीन की हल्का कर्मचारी द्वारा जमाबंदी नहीं किए जाने से उनका पूरा परिवार अपनी पुश्तैनी भूमि को लेकर काफी परेशान है।
श्री कुमार को समस्तीपुर जिले से आए एक युवक ने कहा कि वृक्षारोपण मामले में राशि गबन कर ली गयी है और वृक्षारोपण भी नहीं किया गया है। समस्तीपुर जिले से ही आयी एक अन्य महिला ने कहा कि नौ कट्ठा आठ धुर जमीन खरीदा लेकिन हमारे अपनी ही भूमि का लगान रसीद काटकर नहीं दिया जा रहा है, जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लखीसराय जिले से आए एक युवक ने निवेदन करते हुए कहा कि जन वितरण प्रणाली के अंतर्गत दुकान आवंटन की सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी दुकान उन्हें नहीं देकर किसी और को दे दी गयी है।
सूरज
जारी (वार्ता)