राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Aug 3 2019 5:55PM अब बिहार में मेडिकल कॉलेज कैंपस से ही होगी चिकित्सकों की नियुक्ति
पटना 03 अगस्त (वार्ता) बिहार सरकार राज्य में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए अब मेडिकल कॉलेज कैंपस से ही चिकित्सकों की सीधी नियुक्ति करेगी।
उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज यहां ‘इंडियन काॅलेज ऑफ कार्डियोलाॅजी’ के वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में कहा कि अगले एक साल में चिकित्सकों की रिक्तियों को भरने के लिए मेडिकल काॅलेज कैंपस से सीधे नियुक्तियां की जाएंगी। उन्होंने कहा कि बिहार में चिकित्सकों,नर्सों और पारा मेडिकल कर्मचारियों की भारी कमी इसलिए है कि वर्ष 2005 के पहले की सरकारों ने सरकारी क्षेत्र में एक भी नया मेडिकल और नर्सिंग काॅलेज नहीं खोला। वर्तमान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार 11 नए मेडिकल काॅलेज खोलने जा रही है। इस अकादमिक सत्र से बिहार के मेडिकल काॅलेजों में लगभग 1400 छात्रों का नामांकन होगा।
श्री मोदी ने कहा कि तमिलनाडु में जहां 49 मेडिकल काॅलेज और 253 आबादी पर एक चिकित्सक हैं वहीं केरल में 34 मेडिकल काॅलेज और 535 पर एक चिकित्सक, कर्नाटक में 57 मेडिकल काॅलेज और 507 की आबादी पर एक चिकित्सक जबकि बिहार में केवल 13 मेडिकल काॅलेज और 3207 जनसंख्या पर एक डाॅक्टर हैं। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक के अनुसार प्रति 1000 की आबादी पर एक डाॅक्टर होना चाहिए। दिल्ली में एक हजार की आबादी पर तीन तो केरल और तमिलनाडु में 1.5 चिकित्सक हैं।