बाड़मेर 04 जून (वार्ता) केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चोधरी ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा एक देश एक बाजार शुरू होने के बाद अब किसान को अपनी फसल के लिए जहां भी ज्यादा दाम मिलेंगे वह वहां फसल बेच सकता है।
श्री चोधरी आज प्रदेश भाजपा की ओर से आयोजित कृषि एवं किसान कल्याण के लिए केंद्र सरकार के प्रभावकारी कदम विषय पर आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में अधिकतक छोटे किसान है और उन्हें अक्सर अपनी फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता. है। उन्होंने कहा कि किसानों की हालत में सुधार लाने के लिए केंद्र आवश्यक बदलाव कर रही है। इसी के तहत कृषि मंडी के बाहर किसान की उपज की खरीद-बिक्री पर किसी भी सरकार का कोई टैक्स नहीं होगा. और न ही कोई कानूनी बंधन होगा. ओपन मार्केट होने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी. जिन व्यक्ति पास पैन कार्ड होगा, वह किसान के उत्पाद खरीद सकता है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने साढ़े छह दशक पुराने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी ताकि अनाज, दलहन और प्याज सहित खाद्य वस्तुओं को नियमन के दायरे से बाहर किया जा सके। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तु कानून में किसान हितैषी सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है। अनाज, तेल, तिलहन, दाल, प्याज, आलू आदि को इससे बाहर कर दिया गया है। अब किसान मर्जी के मुताबिक निर्यात और भंडारण कर सकेंगे।
श्री चैधरी ने कहा कि किसानों को उपज की बेहतर कीमतें दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने कांट्रैक्ट फार्मिंग पर मॉडल कानून को हरी झंडी दिखा दी है। इसमें केवल खेती ही नहीं बल्कि डेयरी, पोल्ट्री और पशु पालन को भी कवर किया गया है। नए कानून के तहत ठेके पर खेती व अन्य सेवाओं को राज्यों के एपीएमसी यानी मंडी कानून के दायरे से बाहर रखने पर सहमति बनी है। इससे खरीददारों को लेनदेन की लागत में पांच से दस फीसदी की बचत होगी। इसमें समझौता तोड़ने पर जुर्माना लगाने व अन्य विवादों के समाधान के लिए एक सेटलमेंट अथॉरिटी के गठन का भी प्रावधान है।
भाटी रामसिंह
वार्ता