नयी दिल्ली, 26 जुलाई (वार्ता) फिटनेस और स्पोर्ट्स मेडिसिन विषेशज्ञ डॉ सरनजीत सिंह का मानना है कि खिलाड़ी ड्रग न लेने पर भी डोप टेस्ट में फेल हो सकते हैं और इसके लिए खिलाड़ियों को अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है।
लखनऊ के डॉ सरनजीत ने कहा कि खिलाड़ी ड्रग न लेने पर भी डोप टेस्ट में फेल हो हो सकते हैं और फाल्स पॉज़िटिव निष्कर्ष के शिकार हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि दरअसल, फाल्स पॉजिटिव निष्कर्ष आने के बहुत कारण हो सकते हैं। खिलाड़ियों को इन कारणों की जानकारी होना बहुत ज़रूरी होता है जिससे वे सतर्क हो सकें और खुद को डोप टेस्ट में फेल होने से बचा सके।
डॉ सरनजीत ने बताया कि खिलाड़ी इवेंट के दौरान किसी भी तरह की इंजरी होने पर सिर्फ टीम के डॉक्टर द्वारा निर्धारित दर्द निवारक दवाओं का ही प्रयोग करें। कुछ दर्द निवारक दवाएं जैसे आइबूप्रोफेन (ब्रूफीन) की ज्यादा मात्रा लेने से टेट्रा हाइड्रो कैन्नाबिनॉल नाम की प्रतिबंधित दवाई जैसे निष्कर्ष आ सकते हैं। ज़ुखाम, तेज बुखार और कुछ ख़ास तरह की डाइट पिल्स लेने से प्रतिबंधित दावा एम्फेटामीन्स जैसे निष्कर्ष आ सकते हैं। कुछ ख़ास तरह के एंटीबायोटिक्स जैसे अमोक्सिसिल्लिन के सेवन से हेरोइन और कोकीन जैसी प्रतिबंधित ड्रग्स के निष्कर्ष आ सकते हैं। अल्सर होने पर इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाइयों को इस्तेमाल करने से भी फाल्स पॉजिटिव निष्कर्ष आ सकते हैं। इसी तरह डेंटिस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले कुछ ड्रग्स जैसे नोवोकेन के इस्तेमाल से कोकीन के निष्कर्ष आ सकते है।
उन्होंने बताया कि दवाइयों की तरह खिलाड़ियों को प्रतियोगिता के दौरान सिर्फ कैंप में बना खाना ही खाना चाहिए। कई बार बेकिंग के दौरान पेस्ट्रीज और केक बनाने में पॉपी सीड्स का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें प्रतिबंधित दवा मॉर्फिन के अंश होते हैं जो डोप टेस्ट में आ सकते हैं। इसी तरह मांसाहारी खिलाड़ियों को मांस का सेवन करते समय बहुत सतर्क रहना चाहिए क्योंकि कई बार जानवरों को बड़ा करने के लिए जिन दवाओं को इस्तेमाल किया जाता है उनका मांस खाने पर उन दवाओं के अंश खिलाड़ियों के शरीर में आ जाते हैं और जिसकी वज़ह से खिलाड़ी डोप टेस्ट में फेल हो सकते हैं।
डॉ सरनजीत ने बताया कि खाने की तरह खिलाड़ियों को फ़ूड सप्लीमेंट्स खाते समय भी विशेष ध्यान रखना चाहिए और ऍफ़एसएसआई या ऍफ़डीए से प्रमाणित फ़ूड सप्लीमेंट्स को ही इस्तेमाल करना चाहिए। कई सस्ते और घटिया फ़ूड सप्लीमेंट्स में खिलाड़ी के प्रदर्शन में तेजी से सुधार लाने के लिए प्रतिबंधित दवाओं को मिलाया जाता है, जिससे खिलाड़ी डोप टेस्ट में फेल हो सकते हैं। कुछ ख़ास तरह के फ़ूड सप्लीमेंट्स जिनमें 'ओरकिक एक्सट्रेक्ट' जिसे जानवरों के टेस्टिकल्स से निकाला जाता है, हो सकता है। इस तरह के फ़ूड सप्लीमेंट्स लेने से एनाबोलिक स्टेरॉइड्स के निष्कर्ष आ सकते हैं। इसी तरह गाय के दूध से निकाले गए उत्पाद कोलोस्ट्रम जिसे 'वाइट गोल्ड' भी कहते हैं, कुछ फ़ूड सप्लीमेंट्स में मिलाये जाते हैं, जिनका सेवन करने पर प्रतिबंधित ड्रग ग्रोथ हॉर्मोन के निष्कर्ष आ सकते हैं और खिलाडी निर्दोष होते हुए भी डोप टेस्ट में फेल हो सकता है।
उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों को डोप टेस्ट से पहले अल्कोहल, निकोटीन और कैफीन का सेवन भी नहीं करना चाहिए अन्यथा फाल्स पॉजिटिव निष्कर्ष आने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। इसी तरह महिला खिलाड़ियों में उनकी माहवारी में होने वाले उतार-चढ़ाव से और गर्भ निरोधक दवाओं के सेवन से भी डोप टेस्ट में फेल होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
डॉ सरनजीत ने बताया कि खिलाड़ियों के अलावा उनके सैंपल में किसी तरह के बैक्टीरियल ग्रोथ या उसके रख-रखाव की वजह से सैंपल की पी. एच. वैल्यू बदल जाने की वज़ह से भी फाल्स पॉजिटिव निष्कर्ष आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमारे खिलाड़ी इन बातों का ध्यान रखते हैं तो वो खुद को डोप टेस्ट में फाल्स पॉजिटिव होने से रोक सकते हैं।
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