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निजी अस्पताल अब कोरोना टेस्ट में अधिक वसूली नहीं कर सकेंगे

निजी अस्पताल अब कोरोना टेस्ट में अधिक वसूली नहीं कर सकेंगे

जयपुर, 20 जून (वार्ता) राजस्थान सरकार ने प्रदेश के निजी अस्पतालों में वैश्विक महामारी कोरोना के मरीजों के इलाज के बिल को नियंत्रित करने का फैसला किया है जिसके तहत सामान्य बेड का किराया दो हजार रुपए एवं टेस्ट के लिए 2200 रुपए से अधिक वसूल नहीं किया जा सकेगा और अधिक वसूली करने वाले ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण की स्थिति पर शुक्रवार रात समीक्षा बैठक में निर्णय लिया कि प्रदेश में निजी लैब कोरोना टेस्ट के लिए 2200 रूपये प्रति जांच तथा निजी अस्पताल कोरोना के इलाज के लिए भर्ती मरीजों के लिए सामान्य बेड का किराया 2000 रूपये प्रतिदिन और वेन्टीलेटर सहित आईसीयू बेड का 4000 रूपये प्रतिदिन से अधिक चार्ज नहीं ले सकेंगे।

उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों से अधिक बिल की वसूली ना हो। इसके लिए महामारी अधिनियम सहित अन्य प्रावधानों के तहत आदेश जारी किए जाएं और उनकी सख्ती से पालना हो। उन्होंने कहा कि मरीजों से अधिक पैसा वसूलने वाले अस्पताल या लैब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए 21 जून से शुरू हो रहे प्रदेशव्यापी जागरूकता अभियान को सही रूप में जनता का अभियान बनाया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर प्रदेशवासी अपनी और अपनों की सेहत के प्रति सर्तक रहे। 22 जून को अभियान का डिजिटल लॉन्च होगा, जिसमें प्रदेश भर के पंचायत स्तर तक के जनप्रतिनिधियों और प्राधिकारियों सहित लगभग एक लाख लोग वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़ेंगे। जिलों के प्रभारी मंत्री और सचिव भी जिला मुख्यालयों पर मौजूद रहकर अभियान में शामिल होंगे। श्री गहलोत ने कहा कि अभियान का उद्देश्य आमजन को यह संदेश देना है कि राज्य सरकार ने कोविड-19 के लिए जांच, मरीजों के इलाज, सदिंग्ध संक्रमितों के क्वारेंटाइन की पुख्ता व्यवस्था कर ली है, लेकिन इस महामारी से बचाव के लिए जनता को खुद अपना ध्यान रखना होगा।

जोरा

वार्ता

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