भारतPosted at: Apr 9 2021 8:18PM अनुसूचित जाति की छात्रवृत्ति योजना में आमूलचूल बदलाव
नयी दिल्ली 09 अप्रैल (वार्ता) केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने शुक्रवार को कहा कि उच्च शिक्षा में अनुसूचित जाति के युवाओं को सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में आमूल चूल बदलाव किया गया है।
श्री कटारिया ने पिछले वित्तीय वर्ष में योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि ऐतिहासिक निवेश के साथ अनुसूचित जातियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का परिव्यय बढ़ा है। इसके लिए 4000 करोड़ रूपये की धनराशि जारी की गई है। उन्होंने बताया कि सरकार ने उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक 892.36 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है। इसके बाद महाराष्ट्र को 558 करोड़ रूपये और आंध्र प्रदेश 450 करोड़ रूपये दिये गये है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों को उच्च शिक्षा में सार्वभौमिक पहुँच प्रदान करने के लिए सरकार ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को पूरी तरह से बदल दिया है । केंद्र और राज्यों के बीच 60 - 40 के निश्चित अनुपात में योजना तैयार की गयी है। पूर्वोत्तर के लिए यह अनुपात 90- 10 है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस योजना के 35,534 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया है। यह थनराशि वित्त वर्ष 2025-26 तक के लिए है। इस अवधि के दौरान अनुसूचित जाति समुदाय के लगभग चार करोड़ युवा लाभान्वित होंगे।
उन्होंने बताया कि योजना में केंद्रीय हिस्सेदारी बढ़ाने के अलावा, सरकार ने डीबीटी प्रणाली का उपयोग करके छात्रवृत्ति के भुगतान में देरी से बचने के लिए कई सुधार किये हैं।
सत्या, संतोष
वार्ता