नयी दिल्ली, 02 नवंबर (वार्ता) संस्कृत को आम बोलचाल की भाषा बनाकर उसके जरिए भारतीय संस्कृति को घर-घर तक पहुंचाने की दिशा में काम कर रही संस्कृत भारती की ओर से दिल्ली के छतरपुर मंदिर परिसर में पहला विश्व सम्मेलन आयोजित किया जाएगा जिसमें कई देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पहली बार संस्कृत भाषा का विश्व सम्मेलन नौ से 11 नवंबर को आयोजित किया किया जा रहा है। इस सम्मेलन में 17 देशों के 4455 प्रतिनिधि शामिल होंगे। नागालैंड और मिजोरम को छोड़कर देश के सभी राज्यों के प्रतिनिधि इसमें भाग लेंगे।
इस सम्मेलन में नौ नवंबर को संस्कृत में विज्ञान विषय पर आयोजित एक प्रदर्शनी का शुभारंभ केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री मुरलीधरन करेंगे। इसी दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी सम्मेलन को सम्बोधित करेगे। इसके अलावा केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक एक पुस्तक का विमोचन करेंगे।
दस नवंबर को सम्मेलन की अध्यक्षता महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरिजी करेंगे। इस दिन शाम 4.30 बजे सार्वजनिक सत्र का आयोजन किया जाएगा।
संस्कृत भारती की ओर से बताया गया कि भारत, अमेरिका, रूस,नेपाल, कनाडा, इंडोनेशिया, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, शारजाह, अबूधाबी सहित 18 देशों में यह संस्था संस्कृत के प्रचार प्रसार का काम कर रही हैं। एक करोड़ लोगों को संस्कृत सिखाने का दायित्व इस संस्था ने लिया है।
आजाद जितेन्द्र
वार्ता