भारतPosted at: May 15 2023 10:04PM अडानी समूह की 2016 से जांच के आरोपों को सेबी ने नकारा
नयी दिल्ली, 15 मई (वार्ता) उच्चतम न्यायालय के समक्ष सोमवार को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस बात से इनकार किया कि वह 2016 से अडानी समूह की कंपनियों की जांच कर रहा है।
शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपने एक हलफनामे में सेबी ने आरोप को ‘तथ्यात्मक रूप से निराधार’ करार दिया और कहा कि ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसिप्ट से संबंधित उसकी पिछली जांच 51 भारतीय सूचीबद्ध कंपनियों के खिलाफ की गई थी। सेबी ने यह भी कहा कि अडानी ग्रुप की कोई भी लिस्टेड कंपनी उक्त 51 कंपनियों का हिस्सा नहीं थी।
सेबी ने कहा कि उक्त जांच का हिंडनबर्ग रिपोर्ट से कोई संबंध नहीं है।
सेबी ने अपने जवाबी हलफनामे में हिंडनबर्ग रिपोर्ट में संदर्भित 12 लेन-देन से संबंधित जांच/परीक्षा के संबंध में कहा कि प्रथम दृष्टया यह पाया गया है कि ये लेन-देन अत्यधिक जटिल हैं।
हलफनामे में यह भी कहा गया है कि न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों की जांच के संदर्भ में सेबी पहले ही 11 विदेशी नियामकों से संपर्क कर चुका है, जो प्रतिभूति आयोगों के अंतर्राष्ट्रीय संगठन के साथ बहुपक्षीय समझौता ज्ञापन के तहत है। इन नियामकों से जानकारी के लिए विभिन्न अनुरोध किए गए थे।
इससे पहले 12 मई को शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह सेबी द्वारा जांच पूरी करने के लिए छह महीने के बजाय तीन महीने का अतिरिक्त समय दे सकती है।
बीरेंद्र अशोक
वार्ता