नयी दिल्ली, 23 जुलाई (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विभिन्न भाषाओं, बोलियाें , पहनावे और खानपान वाले देश भारत में एक छोर से दूसरे छोर तक खेल चलते रहें तो ये खेल नहीं देश में राष्ट्रीय अखंडता का सबसे बड़ा आधार बन सकते हैं। श्री मोदी ने रिलांयस फाउंडेशन यूथ स्पोर्ट्स(आरएफवाईएस) की शुरूआत करते हुये कहा“ भारत जैसे देश जहां पर करीब-करीब 100 भाषाएं हैं, 1700 बोलियां हैं, भांति-भांति के पहनावे हैं, भांति-भांति के खान-पान हैं और हमारे देश में एक छोर से दूसरे छोर तक जिला स्तर की टीमें अगर 12 महीने खेलती रहें तो खेल राष्ट्रीय अखंडता का सबसे बड़ा आधार बन सकते हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा“ भारत में खेल तो व्यक्तित्व के विकास के साथ साथ समाज के विकास का काम भी करते हैं। खेल अपने आपमें सामान्य व्यक्ति के जीवन का हिस्सा होना चाहिए और अगर खेल को हम जिंदगी का हिस्सा नहीं बनाते हैं तो जीवन एक प्रकार से विकसित नहीं होता है। कुछ लोगों के दिमाग में ऐसा भरा पड़ा है कि शारीरिक फिटनेस के लिये खेल जरूरी है लेकिन यह एक सीमित सोच है। व्यक्तित्व के संपूर्ण विकास के लिए खेल का जीवन का हिस्सा होना बहुत अनिवार्य है। खेल से समाज-जीवन भी विकसित होता है और राष्ट्र-जीवन भी विकसित होता है।” उन्होंने कहा“खेल में जीतने का जितना आनंद होता है, उससे ज्यादा पराजय को पचाने की एक बहुत बड़ी ताकत खेल से आती है। जो व्यक्ति जिंदगी में खेलता रहता है। कभी लुढ़क जाता है फिर कभी उठकर खड़ा हो जाता है, वो कभी जिंदगी के और अवसरों पर हार नहीं मानता है। खेल एक जीवन के अंदर ऐसे गुणों को विकास करता है, जीवन भर जूझने का सामर्थ्य देता है, खिलाड़ी कभी हार नहीं मानता है।” राज प्रीति जारी वार्ता