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श्री मोदी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में जाति, नस्ल और संप्रदाय को ध्यान में रखकर वोट बैंक की राजनीति के लिए नीतियां बनाई जाती थी। सरकारी खजाने का इस्तेमाल राजनीतिक दलों को मजबूत बनाने के लिए किया गया। उन्होंने दावा किया कि आयुष्मान भारत योजना किसी जाति, नस्ल और समुदाय को ध्यान में रखकर नहीं बल्कि ‘सबका साथ सबका विकास’ के सिद्धांत के आधार पर लागू की गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएमजेएवाई को कई नाम दिया गये। कुछ लोगों ने इसे ‘मोदीकेयर’ तो कुछ ने गरीबों की योजना कहा लेकिन मेरे लिये यह देश के ‘दरिद्रनारायण’की सेवा करने का एक अवसर है। निश्चित रूप से गरीबों की सेवा करने के लिए इससे बेहतर कोई योजना नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि यह दुनिया की अकेली ऐसी योजना है, जिसके तहत 50 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये की स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराई जाएगी।
श्री मोदी ने इस योजना को गेमचेंजर बताया और दावा किया कि इस योजना के लाभुकों की संख्या यूरोपीय संघ की कुल आबादी के बराबर है। उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको की कुल जनसंख्या को जोड़ दिया जाये तब भी वह इस योजना के लाभार्थियों की संख्या के बराबर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र की विश्व की प्रसिद्ध पत्रिकाओं ने इस स्कीम को गेमचेंजर बताया है। साथ ही उन्हें पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में समाज विज्ञानी, अर्थशास्त्री समेत मेडिसीन एवं इससे जुड़े अन्य क्षेत्र के विद्वान आयुष्मान भारत योजना का अध्ययन करेंगे।
सूरज उपाध्याय
रमेश
जारी (वार्ता)
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