नयी दिल्ली , 17 अक्टूबर (वार्ता) देश को कुश्ती में तीन ओलंपिक पदक देने वाले पहलवानों सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त के गुरू महाबली सतपाल का जन्मदिन मंगलवार को प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया गया। महाबली सतपाल आज 63 साल के हो गए। वर्ष 1982 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास बनाने वाले सतपाल भारतीय कुश्ती में पहलवान और कोच के रूप में ऊंचा दर्जा रखते हैं। द्रोणाचार्य पुरस्कार और पद्म भूषण से सम्मानित सतपाल के जन्मदिन को छत्रसाल स्टेडियम में पहलवानों, एथलीटों, तीरंदाजों , कबड्डी और बास्केटबाल खिलाड़ियों ने प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया। इसके अलावा रोहिणी और पीतमपुरा में भी सतपाल के जन्मदिन पर सम्मान समारोह आयोजित हुआ। सतपाल ने अभिभूत होते हुये कहा,“यह देखकर अच्छा लग रहा है कि खिलाड़ी मेरा इतना सम्मान करते हैं। मैंने भी इन खिलाड़ियों को अनुशासन, मेहनत और सकारात्मक सोच का दर्शन दिया है जिससे सीखकर वे अपने जीवन में आगे बढ़ सकते हैं और देश का प्रतिनिधित्व करते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत सकते हैं।” छत्रसाल स्टेडियम में करीब 400 पहलवानों और अन्य खिलाड़ियों ने सुबह महाबली का जन्मदिन मनाया और उनके स्वस्थ रहने की प्रार्थना की। सतपाल ने भी सभी बच्चों को जीवन में सफल होने का आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर उनके शिष्य सुशील और अमित दहिया भी मौजूद थे। सतपाल 1974 , 1978 और 1982 में लगातार राष्ट्रमंडल खेलों में तीन बार रजत विजेता रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने 1979 और 1981 में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक तथा 1982 के दिल्ली एशियाड में स्वर्ण पदक जीते। सतपाल 16 वर्षाें तक राष्ट्रीय चैंपियन रहे। उनके नाम एक दिन में 21 कुश्ती जीतने का विश्व रिकार्ड है जो अब तक कायम है। अपने करियर में सतपाल ने 3000 कुश्तियां जीतीं। राज वार्ता