जालंधर 18 सितंबर (वार्ता) पंजाब स्वास्थ्य विभाग की ओर से ‘तंदरूस्त पंजाब मिशन’ के तहत मिलावट खोरी के खिलाफ की जा रही सख्ती के बावजूद राज्य में मिलावटी और नकली दुग्ध उत्पादनों की आपूर्ति में कोई कमी नहीं आ रही है।
पंजाब के गुरदासपुर, कलानौर और दीना नगर में तैयार किया जा रहा यह नकली पनीर तथा मावा राज्य के जालंधर, लुधियाना, होशियारपुर जिला के कस्बों सहित हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, मनाली और पालमपुर तक की दुकानों पर आपूर्ति की जा रही है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सेवा सिह ने मंगलवार को बताया कि दुग्ध उत्पादनों में मिलावट खोरी को रोकने के लिए विभाग द्वारा बड़े स्तर पर छापेमारी की जा रही है। उन्होने बताया कि आज सुबह होशियारपुर जिले के आदमपुर और कठार कस्बों के बीच एक जांच नाके के दौरान गुरदासपुर से आई एक इनोवा गाड़ी से 300 किलो मिलावटी पनीर पाया गया। उन्होने बताया कि पनीर के नमूने जांच के लिए खरड़ स्थित प्रयोगशाला में भेज दिए गए हैं। उन्होने बताया कि इस दौरान हलवाई की दुकानाें पर आपूर्ति किए जा रहे दूध की जांच के लिए छह नमूने लिए गए।
डा. सिंह ने बताया कि गाड़ी के चालक ओंकार शर्मा ने पूछताछ में बताया कि वह दुकानदारों को नकली पनीर 150 रुपये प्रति किलो देता है जो इसे आगे 300 रुपये प्रतिकिलो तक बेचते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से मिलावटी पनीर आपूर्ति का धंधा भोगपुर, आदमपुर, कठार, जंडू सिंहा, जालंधर शहर और होशियारपुर जिला के साथ लगते कस्बों में जोरों से चल रहा है। उन्होने बताया कि इन क्षेत्रों में सिंथेटिक मावा, पनीर, दूध बड़े स्तर पर स्पलाई किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मिलावटी और नकली पनीर मावा तथा दूध से बनने वाली मिठाइयां हड्डियों को कमजोर करने के साथ ही शरीर में कैल्सियम की भी कमी कर देती हैं जिससे बच्चों और वृद्धजनों को बीमारियों का सामना करना पड़ता है। उन्होने कहा कि दूध खरीदते समय लोगों को ख़्याल रखना चाहिए कि प्रोसेस मिल्क ही प्रयोग किया जाए। खुले आम दुकानाे और दूधवालों से दूध नहीं ख़रीदना चाहिए।
ठाकुर.संजय
वार्ता