राज्यPosted at: Sep 6 2018 11:46PM स्वराज इंडिया ने भी किया किसानों से ब्याज वसूली का विरोध
चंडीगढ़, 06 सितंबर (वार्ता) दादूपुर नलवी नहर परियोजना रद्द करने के बाद किसानों को अधिग्रहित की गई जमीन लौटाने के लिए मुआवजे की रकम ब्याज के साथ वापस लेने के हरियाणा सरकार के फैसले का स्वराज इंडिया ने आज विरोध किया।
स्वराज इंडिया के आज यहां जारी बयान के अनुसार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा में भूमि अधिग्रहण के नाम पर किसानों की लूट का सिलसिला 2004 से ठीक पहले शुरू हुआ जो मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा दादुपुर नलवी केस में जमीन को सालों बाद अधिग्रहण से मुक्त करने से नए अवतार में सामने आया है।
पार्टी के उपाध्यक्ष राजीव गोदारा ने कहा कि कानूनन जब कोई जनहित, जिसके लिए, जमीन अधिगृहित की गई थी, वह अलाभकारी व गैर आवश्यक हो तो राज्य सरकार जमीन को डी नोटिफाई करसकती है मगर हरियाणा मंत्रिमंडल केकल के फैसले से साफ है कि प्रस्तावित नीति कानून के दायरों के बाहर किसान को उजाड़ने का माध्यम ही बनेगी| उन्होंने कहा कि कल किए फैसले में कहा गया है कि जमीन मालिक को मुआवजे की राशिसाधारण ब्याज के साथ लौटानी होगी|
श्री गोदारा ने कहा कि जब बाजार में जमीनों के भाव आसमान छू रहे थे तब पूंजीपतियों व भूपतियों के हितों की रक्षा करने वाली सरकार धड़ाधड़ जमीन का अधिग्रहण कर रही थी और रिहायशी प्लाट में बदलकर महंगे दामों पर बेच कर मुनाफा भी कमा रही थी। उस दौर में किसान को उजाड़ दिया गया और आज वर्तमान सरकार की आर्थिक नीतियों के चलते बाजार में भयानक मंदी है और इस मंदी के दौर में जमीन के भाव भी रसातल में है तथ्सस हुडा (हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण) द्वारा किसानों से छीनी गई जमीन पर काटे गए प्लॉट्स को महंगे भाव पर खरीदने वाला खरीदार बाजार में नहीं है तो आज आप किसान को वह जमीन लौटा देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार की संवेदनहीनता है।
श्री यादव ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया को अपनाने के बाद भी किसान की आवाज या पक्ष सुने जाने का कोई प्रावधान दिखाई नहीं पड़ता तथा पूरी योजना जमीन अधिग्रहण करने वाले विभाग की समझ याआंकलन पर निर्धारित है । उन्होंने कहा कि सरकार की यह नीति हरियाणा के पूरे आर्थिक व सामाजिक ढांचे को प्रभावित करेगी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का यह फैसला संकेत हैं कि सरकार अब अधिग्रहित जमीन का मुआवजा देने की बजाय जमीन को अधिग्रहण से मुक्त करने के फैसले बड़े स्तर पर करने वाली है।
महेश विक्रम
वार्ता