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अरावली की वादियों में उमड़ा आस्था का सैलाब

अरावली की वादियों में उमड़ा आस्था का सैलाब

झुंझुनूं, 27 अगस्त (वार्ता) राजस्थान के झुंझुनूं जिले में तीर्थराज लोर्हागल धाम से शुरु हुई बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा के कारण अरावली की वादियों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है।

परिक्रमा में श्रद्धालुओं के पहाड़ों के बद्रीनाथ की जय, लोहार्गल धाम की जय, गंगा मैया की जय, शाकम्भरी माता की जय आदि जयकारों ने अरावली पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियों के पत्थर-पत्थर को गुंजायमान कर दिया। पहाड़ियों पर चढ़ते बच्चे, बुजुर्ग, जवान, पुरूष एवं महिला श्रद्धालु, महिलाओं के सिर पर लदे हुए थैले, थैलों से आती मालपुए एवं पकौड़ी की खुशबु तथा नाचते-गाते श्रद्धालुओं के कारण अरावली की वादियों में इन दिनों पूरी तरह भक्तिमय माहौल बना हुआ है।

रविवार को तीर्थराज लोहार्गल से शुरू हुई बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा में अब रंगत में आने लगी है। पहले दिन से श्रद्धालुओं का परिक्रमार्थियों का हुजूम उमड़ पड़ा। परिक्रमा का नेतृत्व कर रही ठाकुरजी की पालकी सोमवार सुबह पहले पड़ाव किरोड़ी से रवाना हुई। यहां स्नान-ध्यान व पूजा-अर्चना के बाद अखिल भारतीय चतुर्थ संप्रदाय और खाकी अखाड़े के महंत दिनेश दास महाराज के नेतृत्व में फेरी का अगुवा दल रवाना हुआ। सोमवार देर शाम पालकी दूसरे पड़ाव पर शाकम्भरी पहुंची।

मंगलवार सुबह शाकम्भरी से रवाना हुई ठाकुरजी की पालकी के साथ सैकड़ों संत-महात्माओं का हुजूम उमड़ा। जहां फेरी का पहला जत्था करीब आधी दूरी तय करने की ओर अग्रसर है, वहीं दूसरी ओर सोमवार एवं मंगलवार को हजारों श्रद्धालुओं के जत्थे लोहार्गल में स्नान करके परिक्रमा के लिए रवाना हुए। पुरूषों की तुलना में महिला श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा नजर आ रही है।

सोमवार को शेखावाटी समेत आसपास के राज्यों के परिक्रमार्थियों ने फेरी प्रारम्भ की। गोगानवमी से शुरू हुई 24 कोसीय परिक्रमा अमावस्या को महास्नान के साथ पूरी होगी। अमावस्या को गोल्याणा से लोहार्गल तक मेला भरेगा, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेंगे।

श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह नि:शुल्क चाय-पानी, भंडारे, चिकित्सा व्यवस्था आदि की गई है। ज्ञान बावड़ी के पास श्री नाथ सेवा मंडल रतनगढ़, शिव गोरा मंदिर ट्रस्ट, बालाजी सेवा समिति ढाकला, सैनी समाज ढाकला, बजरंग गढ़ सेवा समिति चिराना, पितृ सेवा समिति चिराना, कुमावत समाज, किरोड़ी में जांगिड़ समाज की ओर से नि:शुल्क सेवा शिविर लगाए गए हैं। कहीं शिकंजी तो कहीं दवाई कहीं पूड़ी-पकौड़ी तो कहीं शाकाहारी भोजन हर कोई दोनों हाथों से परिक्रमार्थियों की सेवा करने में जुटा है।

परंपरा के अनुसार परिक्रमा में संतो की टोली सबसे आगे एवं जलस्रोतों पर नहाकर ही आगे बढ़ती है। कोट बांध पर पिछले दो सालों से संतों को नहाने के लिए बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ता है और इस बार भी पुलिस ने परिक्रमा के दौरान संतों की टोली कोट बांध पर नहाने के लिए पहुँची तो पुलिस के जवानों ने नहाने से रोक दिया। इसके बाद में संतों ने विरोध प्रकट करते हुए जिला कलेक्टर रवि जैन एवं एसडीएम हवाई सिंह यादव से बात करने पर संतों के नहाने के लिए अस्थाई व्यवस्था की गई।

अखिल भारतीय चतुर्थ सम्प्रदाय के अध्यक्ष दिनेश दास महाराज ने कहा कि प्रशासन को कोट बांध पर घाट बनाकर विकसित करना चाहिए ताकि संतों को असुविधा का सामनानहीं करना पड़े।

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