Friday, Apr 26 2024 | Time 20:27 Hrs(IST)
image
भारत


आरटीआई को लेकर अधिकारियों की सोच में बदलाव की रफ्तार धीमी

आरटीआई को लेकर अधिकारियों की सोच में बदलाव की रफ्तार धीमी

नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर (वार्ता) देश में सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) को लागू हुये 14 वर्ष हाे गये हैं लेकिन अब भी गोपनीयता की कार्य संस्कृति के कारण आरटीआई को लेकर अधिकारियों की सोच में बदलाव की रफ्तार धीमी है और इस संबंध में शीघ्र ही राज्यों की रैकिंग की सूची जारी की जायेगी।

देश में हर वर्ष 12 अक्टूबर को आरटीआई दिवस मनाया जाता है। बारह अक्टूबर 2005 से सूचना का अधिकार अधिनियम केन्द्र सरकार, सभी राज्य सरकारों, स्थानीय शहरी निकायों, पंचायती-राज संस्थाओं में लागू है। कानून बनने के बाद यह माना जा रहा था कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और सरकार के विभिन्न विभागों एवं क्रियाकलापों में पारदर्शिता आएगी लेकिन इस क्षेत्र में काम करने वाले संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया ने आज यहां एक रिपोर्ट जारी कर कहा कि 14 वर्ष बाद भी गोपनीयता की कार्य संस्कृति के कारण अधिकारियों की सोच में परिवर्तन की रफ़्तार धीमी है। आरटीआई के पालन को लेकर जारी वैश्रिवक रैकिंग में भारत की रैकिंग नीचे गिरकर अब सातवें पायदान पर पहुंच गई हैं, जबकि पहले भारत का स्थान दूसरा था। गौर करने वाली बात यह है कि जिन देशों को भारत से ऊपर स्थान मिला हैं, उनमें से ज्यादातर देशों ने भारत के बाद इस कानून को अपने यहाँ लागू किया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 14 वर्षों में देश के कुल 3.02 करोड़ (लगभग 2.25 प्रतिशत आबादी) लोगों ने सूचना के अधिकार का इस्तेमाल किया है। देश के सूचना आयोगों के समक्ष अब तक 21,32,673 द्वितीय अपील एवं शिकायत दर्ज किये गए है। आरटीआई के तहत केन्द्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा जानकारियां मांगी गयी। वर्ष 2005 से 2017 तक की अविध के दौरान केन्द्रीय स्तर के विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों से संबंधित जानकारियों के सन्दर्भ में कुल 78,93,687 आवेदन प्राप्त हुये।

आरटीआई का प्रयोग करने में कुल आवेदनों की संख्या के आधार पर पाँच अग्रणी राज्यों में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और गुजरात शामिल हैं। संख्या के आधार पर सबसे कम प्रयोग करने वाले राज्यों में मणिपुर, सिक्किम, मिजोरम, मेघालय तथा अरुणाचल प्रदेश का स्थान है। राज्य में जानकारियां मांगने वालों में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है। आलोच्य अवधि के दौरान महाराष्ट्र में आरटीआई के कुल 61,80,069 आवेदन मिले। इसी अवधि में तमिलनाडु में 26,91,396 और कर्नाटक के कुल 22,78,082 लोगों ने अपने इस अधिकार का प्रयोग किया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 14 वर्षों में विभिन्न राज्यों के सूचना आयोग ने 15578 जन सूचना पदाधिकरी पर धारा 20(1) के तहत जुर्माना लगाया है। उत्तराखण्ड सूचना आयोग ने पिछले तीन वर्षों में 8,82,000 रुपये का जुर्माना लगाया। जबकि केन्द्रीय सूचना आयोग ने 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। संघ एवं राज्य सूचना आयोग में कुल 155 पदों में से 24 पद अभी भी रिक्त हैं। देश में मात्र सात महिला सूचना आयुक्त कार्यरत हैं।

शेखर.श्रवण

वार्ता

More News
त्रिपुरा में शाम छह बजे तक त्रिपुरा में सबसे अधिक 77.95 प्रतिशत मतदान

त्रिपुरा में शाम छह बजे तक त्रिपुरा में सबसे अधिक 77.95 प्रतिशत मतदान

26 Apr 2024 | 8:16 PM

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (वार्ता) लोक सभा चुनाव के दूसरे चरण में शुक्रवार को त्रिपुरा में मतदान की गति सबसे तेज थी और शाम छह बजे तक वहां 77.95 प्रतिशत मतदाता वहां वोट डाल चुके थे।

see more..
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 88 सीटों पर शाम छह बजे तक मतदान प्रतिशत

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 88 सीटों पर शाम छह बजे तक मतदान प्रतिशत

26 Apr 2024 | 7:54 PM

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (वार्ता) लोक सभा चुनाव के दूसरे चरण में 12 राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश की 88 सीटों पर हो रहे चुनावों का शाम छह बजे तक के मतदान के अन्तिम आंकड़े इस प्रकार......

see more..
कांग्रेस के हिमाचल विधानसभा के लिए तीन सीटों के उम्मीदवार घोषित

कांग्रेस के हिमाचल विधानसभा के लिए तीन सीटों के उम्मीदवार घोषित

26 Apr 2024 | 7:45 PM

नई दिल्ली 26 अप्रैल (वार्ता) कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव के लिए तीन उम्मीदवारों के नाम घोषित किये हैं।

see more..
दलित के बेटे को दिल्ली का मेयर बनने से रोकने के लिए उपराज्यपाल ने चुनाव रद्द किया :‘आप’

दलित के बेटे को दिल्ली का मेयर बनने से रोकने के लिए उपराज्यपाल ने चुनाव रद्द किया :‘आप’

26 Apr 2024 | 7:20 PM

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (वार्ता) आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को कहा कि दलित समाज के बेटे को दिल्ली नगर निगम के महापौर की कुर्सी पर बैठने से रोकने के लिए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना के जरिए मेयर चुनाव रद्द करा दिया।

see more..
महापौर का चुनाव रद्द करने के ख़िलाफ़ ‘आप’ ने भाजपा के ख़िलाफ़ किया प्रदर्शन

महापौर का चुनाव रद्द करने के ख़िलाफ़ ‘आप’ ने भाजपा के ख़िलाफ़ किया प्रदर्शन

26 Apr 2024 | 7:20 PM

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (वार्ता) आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव रद्द करने के विरोध में शुक्रवार को यहाँ सिविक सेंटर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के खिलाफ प्रदर्शन किया।

see more..
image