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बजट में वादे तो हैं, इरादे दूर दूर तक नहीं दिखाई देते - वसुंधरा

बजट में वादे तो हैं, इरादे दूर दूर तक नहीं दिखाई देते - वसुंधरा

जयपुर, 24 फरवरी (वार्ता) राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता राजस्थान विधानसभा में पेश बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के इस बजट में सरकार के वादे तो दिखाई देते हैं, लेकिन इरादे दूर-दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रहे।

श्रीमती राजे ने कहा कि बजट में सरकार ने जिन प्रमुख योजनाओं की घोषणा की है, उनमें से अधिकतर हमारी भाजपा सरकार के हैं। जबकि कई योजनाएं तो ऐसी हैं जिनका नाम बदलकर जनता के सामने परोसने का प्रयास किया गया है।

आयुष्मान भारत, महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना, हमारी भामाशाह योजना तथा मोदी सरकार की आयुष्मान योजना का ही बदला हुआ स्वरूप है। हमने किसानों के बिजली बिल माफ किए। किसानों को समर्पित हमारी इस योजना को कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया था, लेकिन जब किसानों ने विरोध किया तो बजट में इसे पुनः शामिल करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन एवं प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना तो केन्द्र सरकार की है, जिसे राज्य बजट में शामिल कर श्री गहलोत ने झूठी वाह-वाही लूटने का प्रयास किया है। जनता को सरकार से उम्मीदें थीं कि किसानों की सम्पूर्ण कर्जमाफी, बेरोजगारों के लिए नई भर्तियां तथा संविदाकर्मियों के लिए नई घोषणाएं की जाएंगी, पर ऐसा न करके सरकार ने जता दिया है कि वादें है, वादों का क्या।

श्रीमती राजे ने कहा ‘भाजपा सरकार की 13 जिलों के लिए जीवनदायिनी साबित होने वाली योजना ईआरसीपी तथा भामाशाह स्टेट डेटा सेंटर की मुख्यमंत्री जी ने तारीफ की है। चलो ! देर आयद, दुरुस्त आयद। राजनीति से ऊपर उठकर योजनाओं की प्रशंसा करना अच्छी बात है, पर जनता जानना चाहती है कि दो साल तक इन योजनाओं पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया। यदि पहले ही इन पर ध्यान दिया होता तो समय पर जनता को ज्यादा लाभ मिल जाता। लोगों को यह भी उम्मीद थीं कि पेट्रोल-डीजल से वेट घटाकर सरकार जनता को राहत देगी, लेकिन अफसोस ! इस ओर भी राज्य सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।’

सुनील

वार्ता

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