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इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि : धामी

इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि : धामी

देहरादून, 09 सितंबर (वार्ता) उत्तराखंड में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिये सरकार ने अभिनव प्रयोग शुरू करते हुये इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को प्रोत्साहन राशि देने का एलान किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को ‘हिमालय दिवस’ पर आयोजित एक वेबिनार में यह ऐलान किया। यह राशि प्रदूषण नियंत्रण परिषद निजी दो पहिया और चार पहिया वाहन खरीदने पर देगा।

उन्होंने कहा कि राज्य में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए यह प्रोत्साहन राशि निजी प्रयोग में लाये जाने वाले प्रथम पांच हजार दो पहिया और पहले एक हजार चार पहिया वाहनों के लिए अनुमन्य होगी।

श्री धामी ने कहा कि प्रोत्साहन की धनराशि दो पहिया वाहनों के लिए वाहन के मूल्य का 10 प्रतिशत अथवा 7500 रुपये जो भी कम हो और चार पहिया वाहनों के लिए वाहन के मूल्य का पांच प्रतिशत अथवा 50,000 रुपये जो भी कम हो, होगा। उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन की धनराशि बैक एंडेड सब्सिडी के रूप में डीबीटी के माध्यम से सीधे बैंक व वित्तीय संस्थाओं या डीलर को उपलब्ध करायी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इसी प्रकार, इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग हेतु स्थापित किये जाने वाले चार्जिंग स्टेशन के विद्युत अधिभार को दो वर्षों तक के लिए घरेलू श्रेणी में रखा जायेगा। यह स्थापित होने वाले प्रथम 250 चार्जिंग स्टेशन के लिए अनुमन्य होगा। चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए समस्त व्यक्ति अथवा संस्था अनुमन्य होंगे, जिनके पास पर्याप्त स्थान उपलब्ध होगा व स्थानीय नगर निकाय की अनुमति प्राप्त होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी। इसके लिए जनसामान्य में जागरूकता जरूरी है। इस संबंध में हिमालयी राज्यों के साथ सम्मेलन पर भी विचार किया जा रहा है। विकास के साथ ही प्रकृति के साथ भी संतुलन बनाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रकृति के संरक्षण के लिए हिमालय का संरक्षण आवश्यक है। हिमालय हमारी विरासत और भविष्य दोनों ही है। आने वाली पीढ़ी के लिए सतत विकास की नीति पर बल दिया जाना चाहिए।

श्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार, प्रसिद्ध पर्यावरणविद स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा की स्मृति में ‘सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति संरक्षण पुरस्कार’ प्रारम्भ करने जा रही है।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि हिमालय भारत का प्रहरी है। यहां बहुमूल्य जड़ी बूटियां प्राप्त होती हैं। हिमालय दिवस को बड़े स्तर पर आयेजित किए जाने की आवश्यकता है। स्कूली पाठ्यक्रमों में हिमालय संरक्षण संबंधी अध्याय होना चाहिए।

पर्यावरणविद पद्मभूषण डॉ अनिल जोशी ने सुझाव दिया कि पारिस्थितिकी और आर्थिकी को जोड़ते हुए उत्तराखण्ड के लिए स्टेट प्लान बनाया जाना चाहिए।

अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि राज्य स्तर और जिला स्तर पर पर्यावरण योजना बनाए जाने पर कार्य किया जा रहा है। नदियों और जलस्त्रोतों के संरक्षण पर भी काफी काम किया गया है।

कार्यक्रम में हिमालय यूनाइटेड मिशन (हम) की पुस्तक 'हिमालय दिवस' का विमोचन किया गया।

वेबिनार में अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, विशेष सचिव डा. पराग मधुकर धकाते, वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन के वरिष्ठ अधिकारी, जिलाधिकारी और जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

सं.संजय

वार्ता

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