नयी दिल्ली, 17 जुलाई (वार्ता) दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार, टोक्यो ओलम्पिक का कोटा हासिल कर चुके दीपक पुनिया और रवि दहिया सहित 28 अंतर्राष्ट्रीय पहलवानों ने छत्रसाल स्टेडियम में द्रोणाचार्य अवार्डी महाबली सतपाल के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग शुरू कर दी है।
पद्मभूषण से सम्मानित सतपाल ने शुक्रवार को बताया कि कोरोना के मद्देनजर सभी तरह की सावधानी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पहलवानों की व्यक्तिगत फिटनेस ट्रेनिंग शुरू की गयी है। महाबली सतपाल ने बताया कि ट्रेनिंग एक हफ्ते से शुरू की गयी है और पहलवानों को सुबह-शाम डेढ़-डेढ़ घंटे की ट्रेनिंग दी जा रही है जिसमें अभी आपसी कुश्ती जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने बताया कि पहलवानों को दूरी बनाये रखते हुए ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि किसी तरह का कोई खतरा न हो। उन्होंने बताया कि पहलवानों को पूरी तरह चेकिंग होने के बाद ही अखाड़े में प्रवेश दिया जाता है और किसी बाहरी व्यक्ति का अखाड़े में प्रवेश प्रतिबंधित है। ये पहलवान छत्रसाल स्टेडियम में ही रहते हैं।
सतपाल ने बताया कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और दिल्ली सरकार की अनुमति मिलने के बाद ही पहलवानों की ट्रेनिंग शुरू की गयी है। उन्होंने बताया कि जो 28 पहलवान इस समय ट्रेनिंग कर रहे हैं वे सभी अंतर्राष्ट्रीय हैं जिन्होंने देश के लिए ओलम्पिक, विश्व चैंपियनशिप और जूनियर स्तर पर पदक जीते हैं।
दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता सुशील, विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता और ओलम्पिक कोटा हासिल कर चुके रवि और दीपक तथा सुमित सहित 28 पहलवान व्यक्तिगत ट्रेनिंग कर रहे हैं। अभी कोई आपसी मुकाबला नहीं होता है। पहलानों को योग कराया जाता है, उनकी गति देखी जाती है, स्टेमिना परखा जाता है और अकेले-अकेले तकनीक का अभ्यास कराया जाता है।
महाबली सतपाल ने कहा कि अभी कोई प्रतियोगिता नहीं होनी है इसलिए पहलवानों की फिटनेस बनाये रखने के लिए यह ट्रेनिंग शुरू की गयी है ताकि जब मुकाबलों के लिए मैट पर उतरने की बारी आये तो पहलवान अपनी लय में दिखाई दें।
सुशील के बारे में पूछने पर उनके गुरु सतपाल ने कहा कि वह पूरी तरह फिट है और अपना अभ्यास कर रहा है। वह दूसरे पहलवानों के लिए एक आदर्श है और ट्रेनिंग में दूसरे पहलवानों का मार्गदर्शन करता है। सतपाल ने कहा कि वह नियमित रूप से खुद छत्रसाल स्टेडियम जाते हैं और अपनी निगरानी में पहलवानों को ट्रेनिंग कराते हैं। उन्होंने कहा कि अखाड़े में प्रवेश से पहले वह भी पूरी सावधानी बरतते हैं और चेंज करने के बाद ही अखाड़े में घुसते हैं।
सतपाल ने कहा कि पहलवानों को ऐसे समय में ट्रेनिंग देते हुए उन्हें काफी अच्छा लग रहा है और उनका सपना है कि इस बार टोक्यो ओलम्पिक में पहलवान स्वर्ण पदक जीतें। उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन है कि इस बार पहलवान स्वर्ण का सपना पूरा कर सकते हैं।
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