अगरतला,23 फरवरी (वार्ता) त्रिपुरा में व्यापक पैमाने पर चलाए जा रहे स्वास्थ्य अभियानों अाैर एहतियात बरते जाने के बावजूद कैंसर तथा एड्स के मामलों में बढ़ोत्तरी सरकार के लिए चुनौती बनती जा रही है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बादल चौधरी ने आज विधानसभा में बताया कि इसके लिए नागरिक संगठनों और सभी राजनीतिक दलाें को आगे आकर एक साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि समाज के सबसे निचले स्तर पर लोगाें को इन बीमारियों के खतरों से आगाह किया जा सके। उन्होेंने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों के मुकाबले त्रिपुरा में कैंसर के आंकड़े सबसे अधिक है। क्षेत्रीय कैेंसर सेंटर (आरसीसी)के मुताबिक अगरतला में कैंसर रोगियों की संंख्या 15,323 है जिनमें अधिकतर का उपचार किया जा रहा है। पिछले तीन वर्षों में अारसीसी में 6581 कैंसर रोगियों का पंजीकरण हुआ है और इनमें से 1007 रोगियों की मौत आरसीसी में ही हुई है।राज्य में आंत ,गले,लीवर,स्तन और प्रोस्टेट कैंसर के मामलेे अधिक देखे जा रहे हैं उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि राज्य में वर्ष 2014 से एड्स और एचआईवी के मामलों में काफी बढ़ाेत्तरी देखी जा रही है आैर इस समय त्रिपुरा में कुल 1227 एचआईवी मरीज हैं जिनमें 485 महिलाएं और 65 बच्चे हैं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में केन्द्र की ओर से राज्य को 954़ 54 लाख,818़ 07 लाख आैर 639़ 07 लाख रूपए की सहायता राशि मिली है। वर्ष 2014 में कुल 80835 रक्त नमूनाें की जांच की गई जिनमें से 233 लोगों के एड़स पीडित होने की पुष्टि हुई थी। जितेन्द्र रवि वार्ता