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बिहार में धूमधाम से मनायी जा रही है वट सावित्री पूजा

बिहार में धूमधाम से मनायी जा रही है वट सावित्री पूजा

पटना 03 जून (वार्ता) बिहार की राजधानी पटना समेत अन्य जिलों में वट सावित्री की पूजा धूमधाम के साथ मनायी जा रही है।

वट सावित्री व्रत विवाहित महिलाओं के लिए करवा चौथ जैसा महत्व रखता है। पौराणिक मान्यताओं अनुसार सावित्री नामक विवाहिता राजकुमारी ने अपने अल्पायु पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा के लिए ये व्रत रखा था। राजधानी पटना में सुबह से ही वट वृक्ष के नीचे पूजा-अर्चना के लिए महिलाओं की भीड़ लगी रही। उनके चेहरे पर त्याग एवं उत्साह की लहर देखी जा रही है, जो अपने लिए कुछ भी नहीं लेकिन पति के लिए सब कुछ समर्पित करती है। वट सावित्री पूजन को लेकर बरगद के पेड़ के नीचे महिलाओं द्वारा विशेष पूजा अर्चना की गयी। पूजा अर्चना कर अपने -अपने पति की लंबी आयु के लिए दुआएं मांगी।

महिलायें उपवास रहकर नये परिधानों में पूजा सामग्री लेकर वृक्ष के पास पहुंची और वट सावित्री के पावन अवसर पर अनुष्ठान में शामिल हुईं। महिलाओं ने वृक्ष को अपने लाल धागे से बांधा और वृक्ष के चारों ओर सात बार चक्कर लगाकर ईश्वर से अपने पति की लंबी आयु की प्रार्थना की। घर पहुंच कर सुहागिनों ने पति को शीतल जल पिलाया और पैर छू कर आशीर्वाद लिया। महिलाओं ने हाथ से पंखा चलाकर पूजा के इस रस्म को पूरा किया।

वट सावित्री व्रत का हिंदू धर्म में काफी महत्व माना जाता है। इस दिन सुहागन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए वट वृक्ष और यमदेव की पूजा करती हैं। इस दिन सावित्री व्रत और सत्यवान की कथा सुनने का विधान है। शास्त्रों के अनुसार, इस कथा को सुनने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। कथा के अनुसार, सावित्री यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस ले आई थी। इस व्रत में कुछ महिलाएं फलाहार का सेवन करती हैं तो वहीं कुछ निर्जल उपवास भी रखती हैं।

प्रेम सूरज

जारी वार्ता

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