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महिलाओं को ध्यान के जरिये अपने सामर्थ्य को जागृत करना होगा-शर्मा

महिलाओं को ध्यान के जरिये अपने सामर्थ्य को जागृत करना होगा-शर्मा

माउंट आबू, 20 जुलाई (वार्ता) राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा रेखा शर्मा ने कहा कि त्याग, तपस्या एवं सेवा की प्रतिमूर्ति महिलाओं को ध्यान के जरिए अपने सामर्थ्य को जागृत करना होगा।

श्रीमती शर्मा आज यहां ब्रह्माकुमारी संगठन के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में मुख्य अतिथि की हैसयित से महिला प्रभाग द्वारा खुशहाल महिला, खुशहाल परिवार विषय पर आयोजित चार दिवसीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहीं थी। उन्होंने कहा कि महिला विभिन्न रूपों में परिवार, समाज एवं देश की सेवा करती है। महिलाओं की चार दीवारों से बाहर निकल कर राष्ट्र को अपना परिवार समझकर सेवा करने की जिम्मेवारी बढ़ गई है।

उन्होंने कहा कि मृगतृष्णा समान अनावश्यक इच्छाओं के चलते महिला अपनी आंतरिक शक्तियों को नहीं पहचान पाती है। वास्तविक शक्ति हमारी आत्मा में होती है जो शक्ति निश्चित तौर पर हमारे जीवन को बेहतर बनाती है। यहां की विचाराधारा की बदौलत संसार के अनेक समुदाय एक माला में पिरोये जा रहे हैं। इस संस्था से जुडक़र बहनों ने अपने जीवन को विश्व की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है जो बहुत बड़ी सेवा हैं।

समारोह में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ममता भूपेश ने कहा कि महिलाओं को अपने विचारों से अपनी बेटी को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार करना चाहिए। आध्यात्मिक शक्तियों की ऊर्जा से परिपूर्ण ब्रह्माकुमारी बहनों का सानिध्य समाज को सकारात्मक दिशा में ले जाने में सक्षम हैं। विश्व के पुर्नोत्र्थान के लिए ब्रह्माकुमारी संगठन की बहनें अपना अमूल्य समय देकर विश्व के पांचों महाद्धीपों में राजस्थान की धरनी माउंट आबू से भारतीय संस्कृति की रोशनी पहुंचा रही है।

ज्ञान सरोवर अकादमी निदेशिका राजयोगिनी डॉ.निर्मला ने कहा कि बच्चों को श्रेष्ठ संस्कारों से सिंचन करना मां का महत्वपूर्ण कर्तव्य है। परिवार के विचारों को जोडऩे से घर परिवार का महौल शांतिमय बन जाता है। किसी के कुटिल स्वभाव, संस्कार को मन में नहीं रखकर उसके प्रति शुभ कामनाओं को स्थान दिया जाना चाहिए।

कार्यक्रम में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव एवं प्रवक्ता संगीता गर्ग ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में महिलाओं को आशावादी मानसिकता नहीं छोडऩी चाहिए। ध्यान के जरिए ईश्वर से मन के तार जोडऩे पर अलौकिक शक्ति प्राप्त होती है। जिससे आलोचना भरे महौल में स्वयं को सशक्त बनाया जा सकता है।

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