राज्य » जम्मू-कश्मीरPosted at: Feb 21 2019 11:02PM उमर, महबूबा ने संयुक्त बयान का किया स्वागतश्रीनगर, 21 फरवरी (वार्ता) जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों , उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए उपयुक्त माहौल बनाने को लेकर भारत-सऊदी अरब के संयुक्त बयान का स्वागत किया है।नेशनल कांफ्रेस के उपाध्यक्ष अब्दुल्ला ने गुरुवार को ट्वीट करके कहा,“ मुझे इस बात की खुशी है कि मोदी सरकार यह स्वीकार करती है कि बातचीत के माध्यम से ही जम्मू-कश्मीर की समस्या के समाधान की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है तथा भारत और पाकिस्तान को बातचीत के अनुकूल माहौल बनाने के लिए काम करना होगा। जम्मू-कश्मीर के कुछ लोग पहले से ही यह राय रख रहे थे और यह बयान जम्मू-कश्मीर के कुछ लोगों की सलाह पर मोहर है। उन्होंने कहा,“अगर हम मेंसे कोई नेता पाकिस्तान से बातचीत के लिए कहता है तो तमाम टेलीविजन चैनलों पर हमें राष्ट्र विरोधी और पाकिस्तानी एजेंट करार दिया जाता है।”पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष मुफ्ती ने ट्वीट किया,“दोनों देशों में तनाव के बीच भारत-सऊदी अरब का पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाने का बयान स्वागत योग्य है। सउदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दोनों देशों में निवेश का वादा करके निश्चित रूप से सभी को खुश करने की अपनी कला का परिचय दिया है।”इससे पहले उन्होंने कहा था,“ मुझे यह समझ में नहीं आता कि भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी सशस्त्र टकराव को लेकर दिये उनके बयान पर हाय तौबा क्यों मचता है। मानसिक रुप से अस्वस्थ्य व्यक्ति ही परमाणु संपन्न राष्ट्रों के बीच युद्ध की वकालत करेगा। युद्ध के लिए चिल्ला-चिल्लाकर आवाज बुलंद करने वाले सभी टीवी एंकर को मेरा सुझाव है कि वे अपना बैग पैक करके सीमाओं पर डटे हमारे सैनिकों में शामिल हो जायें।“ उन्होंने कहा ,“उत्तराखंड के भाजपा मंत्री पीडीपी के उन नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाना चाहते हैं जो दहशत में जी रहे कश्मीरी छात्रों की सकुशल घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए देहरादून गये थे। जिम्मेदार लोगों खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की बजाय वह निर्दोष कश्मीरियों को दंडित करना चाहते हैं। यह शर्मनाक है।” उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल सऊदी के प्रिंस से मुलाकात के बाद संयुक्त बयान जारी किया था जिसमें अच्छे पड़ोसी संबंधों के महत्व पर जोर दिया गया और भारत- पाकिस्तान के बीच बातचीत शुरु करने की जरुरी शर्तों पर सहमति व्यक्त की गयी। राम आशावार्ता