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कांग्रेस ने सभी दिगगजों के साथ 78 नए चेहरों को उतारा चुनावी समर में

जयपुर ,19 नवंबर (वार्ता) राजस्थान में सत्ता वापसी के लिए नए पुराने सभी मोहरों को आजमा रही कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री औऱ दिग्गज नेता अशोक गहलोत सहित वरिष्ठ नेताओं सचिन पायलट, पी सी जोशी और गिरिजा व्यास जैसे सूरमाओं के साथ 78 नए चेहरों को चुनावी समर में उतारा है।
पार्टी ने 26 महिला उम्मीदवारों पर भी दांव लगाया है जिनमें नए और पुराने दोनों चेहरे शामिल हैं। साथ ही उसने भाजपा में भी सेंध लगा कर उसके कुछ बड़े नेताओं को अपने खेमे कर लिया है। पार्टी ने 85 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिन्होने पिछले चुनाव में भी अपना भाग्य आजमाया था
पार्टी ने अपनी मुहिम को विधानसभा तक ही सीमित नहीं रखा है अौर तीन सहयोगी दलों के लिए पांच सीट छोड़कर आगामी लोकसभा चुनाव के लिये महागठबंधन की नींव भी रखी है।
कांग्रेस ने राज्य विधानसभा की 200 सीटों में से 195 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा के मजबूत गढ़ को ढहाने के लिये पार्टी ने तमाम महत्वपूर्ण समिकरणों को ध्यान में रखते हुए ज्यादातर पुराने और अनुभवी नेताओं को आजमाने का निर्णय लेकर चुनावी रण में उतारा है। इनमें पार्टी महासचिव औऱ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पारंपरिक सरदारपुरा सीट से तो प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट टोंक सीट से ताल ठोक रहे हैं।
साथ ही राज्य में बड़े नेता रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री सी पी जोशी नाथद्वारा से तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास उदयपुर से और लालचंद कटारिया झोटवाड़ा से भाग्य आजमा रहे हैं।
हाल ही में अजमेर उपचुनाव में लोकसभा के लिए चुने गए रघु शर्मा को केकड़ी से , नरेन्द्र बुधानिया , हरीश चौधरी, रघुवीर मीना और महेंद्र जीत सिंह मालवीय को भी चुनाव मैदान में उतारा गया है।
नेता विपक्ष रामेश्वर डूडी बीकानेर जिले की नोखा तथा पूर्व विधान सभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत सीकर जिले की श्रीमाधोपुर सीट पर दांव लगा रहे हैं। पार्टी के पुराने दिग्गज नेता जो अब खुद सक्रिय नहीं रहे उनके बच्चों को भी 15 टिकट दिए गये हैं। पार्टी अब उनकी विरासत को भुनाने की कोशिश में है।
पार्टी का मानना है कि उसके पुराने और दिग्गज नेताओं के जनाधार का फायदा उठाया जाना चाहिए।
पार्टी ने धर्मनिरपेक्ष छवि के साथ साथ जातिगत समीकरणों को भी ध्यान में रखा है। उसने 15, मुस्लिम, 33 जाट, 21 ब्राह्मण, 15 राजपूत, 13 वैश्य, 12 गुर्जर, 23 ओ बी सी और अनुसूचित जाति तथा जनजाति के 63 उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व इस बार किसी तरह का कोई जोखिम नहीं लेना चाहता औऱ इसे ध्यान में रखते हुए उसने अपने तरकश के सभी बाणों का इस्तेमाल किया है।
संजीव जितेन्द्र
वार्ता
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