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केन्द्र आईएमपीसीएल के विनिवेश से पहले आपत्तियों को निस्तारित करे : हाईकोर्ट

नैनीताल, 11 दिसंबर (वार्ता) अल्मोड़ा के मोहान स्थित भारत सरकार की मिनी रत्न कंपनी इंडियन मेडिसिन फार्मास्यूटिकल्स कारपोरेशन लिमिटेड (आईएमपीसीएल) की विनिवेश प्रक्रिया पर उच्च न्यायालय ने विनिवेश प्रक्रिया पर अंतिम निर्णय लेने से पहले केन्द्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह आयुष मंत्रालय व उत्तराखंड सरकार की ओर से उठायी गयी आपत्तियों पर सम्यक विचार करे। इसके साथ ही अदालत ने याचिका को पूरी तरह से निस्तारित कर दिया है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में आईएमपीसीएल के निजीकरण के खिलाफ दायर की गयी जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आईएमपीसीएल नामक कंपनी भारत सरकार की शत प्रतिशत शुद्ध लाभ देने वाली कंपनी है। यह कंपनी केन्द्र सरकार की शुद्ध लाभ देने वाली गिनी चुनी कंपनियों में से एक है। आईपीसीएल में केन्द्र सरकार की 98.11 प्रतिशत हिस्सेदारी मौजूद है। शेष शेयर कुमाऊं मंडल विकास निगम के पास है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सीके शर्मा व दुष्यंत मैनाली ने बताया कि केन्द्रीय वित्त मंत्रालय शुद्ध मुनाफा कमाने वाली इस कंपनी का विनिवेश करना चाहती है और इसे निजी हाथों में सौंपना चाहती है। केन्द्र सरकार ने आईएमपीसीएल में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिये वैश्विक स्तर पर आवेदन पत्र मांगे हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि यह कंपनी 500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मुहैया करा रही है। साथ ही 5000 किसानों को अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया करा रही है। इसकी दवाईयां बेहद सस्ती दरों पर सरकारी आयुर्वेदिक अस्पतालों में उपलब्ध करायी जाती हैं। निजीकरण के चलते दवाईयां महंगी हो जायेंगी जो कि स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन होगा।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि राज्य सरकार व केन्द्र सरकार के आयुष मंत्रालय की ओर से 100 फीसदी मुनाफा कमाने वाली इस कंपनी की विनिवेश प्रक्रिया पर आपत्ति जतायी गयी है। इसके बावजूद वित्त मंत्रालय इसको निजी हाथों में देने पर आमादा है।
श्री शर्मा ने बताया कि अदालत ने मामले को सुनने के बाद वित्त मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह राज्य सरकार व आयुष मंत्रालय के साथ ही याचिकाकर्ता की ओर से उठाये गये आपत्तियों का निस्तारण करे और इसके बाद विनिवेश प्रक्रिया पर अंतिम निर्णय ले।
सं, शोभित
वार्ता
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