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कश्मीर के मुख्यधारा के नेता हुर्रियत का जिक्र करने से भी डरते हैं: जितेन्द्र सिंह

कश्मीर के मुख्यधारा के नेता हुर्रियत का जिक्र करने से भी डरते हैं: जितेन्द्र सिंह

जम्मू, 18 फरवरी (वार्ता) केन्द्रीय मंत्री डा़ जितेन्द्र सिंह ने कश्मीर के मुख्यधारा के सभी राजनेताओं पर तीखा प्रहार करते हुए आज कहा कि ये नेता हर मंच पर भारतीय जनता पार्टी की आलोचना के लिए हमेशा तैयार रहते हैं लेकिन हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं का जिक्र करने से भी भयभीत रहते हैं।

डा़ सिंह ने रियासी में प्रधानमंत्री किसान योजना में शिरकत करने के बाद एक कार्यक्रम में अनौपचारिक तौर पर पत्रकारों से बातचीत में कहा“ यह काफी आश्चर्यजनक विरोधाभास है कि नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और कश्मीर आधारित कांग्रेसी नेता किसी भी प्रेस वक्तव्य, टीवी डिबेट अथवा बाइट देते समय भाजपा की आलोचना करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं लेकिन ये लोग कभी भी एक शब्द हुर्रियत के बारे में नहीं बोलते जिनके नेताओं के खिलाफ हवाला कारोबार, आतंकवाद को भड़काने और भारत विरोधी गातिविधियों के मामले पूरी तरह साबित हो चुके हैं।”

उन्होंने कहा कि इन कश्मीरी नेताओं का इससे बेहतर विश्वासघात का उदाहरण और क्या हो सकता है कि वे इन हुर्रियत नेताओं के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोलते लेकिन इन्होंने भाजपा को बहुत ही आसान लक्ष्य बना रखा है।डा़ सिंह ने कहा कि इससे पहले इन तथाकथित मुख्यधारा के कश्मीरी नेताओं ने सुरक्षा बलों की आलोचना करने की एक चुनिंदा नीति बना रखी थी और हर बार के सैन्य अभियान में वे सुरक्षा बलों की निंदा करते थे लेकिन अब काफी देर बाद उन्होंनें चुनिंदा राजनीतिक आलोचना की नीति बना ली है लेकिन बहुत ही चतुराई से वे अलगाववादी नेताओं का जिक्र करने से बचते हैं।

उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भी इन कश्मीरी नेताओं ने उस हमले की स्पष्ट आलोचना नहीं की और पाकिस्तान या हुर्रियत का जिक्र करने के बजाय दार्शनिक अंदाज, बहुत ही आम तरीके अथवा संदिग्ध तरीके के शब्दों का इस्तेमाल किया।

जितेन्द्र

वार्ता

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