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ख्वाजा के 809वें सालाना उर्स का झंडा चांद दिखने पर अगले वर्ष 27 जनवरी को चढ़ाया जायेगा

अजमेर 27 सितंबर (वार्ता) राजस्थान में अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 809वां सालाना उर्स का झंडा चांद दिखाई देने पर अगले वर्ष 27 जनवरी को चढ़ाया जाएगा।
झंडे की रस्म के बाद दो फरवरी को जन्नती दरवाजा खुल जाएगा और इसके अगले दिन तीन फरवरी से उर्स की धार्मिक रस्में शुरू होंगी।
अजमेर दरगाह शरीफ स्थित खादिमों की संस्था अंजुमन सूत्रों के अनुसार हर साल इस्लामिक कलेंडर के जमादिउस्मानी माह की 25 तारीख को दरगाह के ऐतिहासिक 85 फुट ऊंचे बुलंद दरवाजे पर झंडे की रस्म भीलवाड़ा का गौरी परिवार निभाता है। इस बार यह तारीख चांद दिखाई देने पर अगले वर्ष 27 जनवरी की पड़ रही है और उस दिन चांद दिखने पर झंडा चढ़ाया जायेगा।
उर्स की उक्त संभावित तारीख के मद्देनजर खादिमों ने देश एवं विदेश में बसे आशिकाना-ए-ख्वाजा को निमंत्रण पत्र भेजने शुरू कर दिए है। उसमें दिए कार्यक्रम के अनुसार चांद की 29 तारीख को परंपरा के अनुसार जन्नती दरवाजा खोला जाएगा जो दो फरवरी को खुलेगा। रजब माह का चांद नजर आने पर दो फरवरी की रात अथवा तीन फरवरी से उर्स की रसूमाते शुरू हो जाएगी। दरगाह में महफिल का आगाज होगा और मजार शरीफ पर गुस्ल दिया जाएगा। यह धार्मिक सिलसिला परंपरागत तरीके से रजब की पांच तारीख को रात में होगा। छह रजब यानी आठ फरवरी को छठी की फातिहा और छोटे कुल की रस्म अदा की जाएगी। इसी दिन दोपहर उर्स के मौके पर छह दिनों के लिए खोले जाने वाला जन्नती दरवाजा भी बंद कर दिया जाएगा। ग्यारह फरवरी को बड़े कुल की रस्म के साथ उर्स विधिवत संपन्न हो जाएगा।
उर्स के संभावित कार्यक्रम के अनुसार खादिम समुदाय ने मेहमानों को न्यौता भेजने के साथ तैयारियां शुरू कर दी है।
अनुराग जोरा
वार्ता
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