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थानाधिकारी निलम्बित, पूरा स्टाफ लाइन हाजिर

बाड़मेर, 27 फरवरी (वार्ता) राजस्थान में बाड़मेर के ग्रामीण थाने में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत के बाद पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने आज थानाधिकारी दीप सिंह को निलम्बित करके पूरे थाना स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया है।
सू्त्रों ने बताया कि हमीरपुरा निवासी जीतू खटीक को ग्रामीण थाना पुलिस ने चोरी के आरोप में बुधवार को दोपहर में हिरासत में लिया था। गुरुवार को सुबह पुलिस हिरासत में अचानक जीतू की तबीयत बिगड़ गई। इस पर उसे पुलिसकर्मी इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गये जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इससे मृतक के परिजनों और अन्य ग्रामीणों में रोष फैल गया और उन्होंने अस्पताल में हंगामा कर दिया। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी तत्काल अस्पताल पहुंच गये।
जीतू की मौत के बाद अस्पताल पहुंचे उसके परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया और शव लेने से इन्कार कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जीतू के साथ मारपीट की और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की।
बताया जा रहा है युवक के खिलाफ कोई भी मामला दर्ज नहीं है। इस मामले में थानाधिकारी दीप सिंह की लापरवाही सामने आई है। पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए थानाधिकारी दीपसिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है साथ ही पूरे थाना स्टाफ काे लाइन हाजिर किया गया है।
उधर स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जोधपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक नवज्योति गोगोई भी अस्पताल पहुंच गये और परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
युवक का शव अभी जिला अस्पताल में रखा है। पोस्टमार्टम न्यायिक मजिस्ट्रेट की निगरानी में होगी जिसकी रिपोर्ट की प्रति राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी भेजी जाएगी। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जिला अस्पताल के बाहर भारी आरएसी सहित भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
दूसरी ओर मृतक के परिजन दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही मुआवजे के तौर पर एक करोड़ रुपये देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग करते हुए धरने पर बैठ गये हैं और शव नहीं उठा रहे हैं।
भाटी सुनील
वार्ता
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