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बिहार को कोविड का प्रयोगशाला नहीं बनाये चुनाव आयोग : प्रेमचंद्र

बिहार को कोविड का प्रयोगशाला नहीं बनाये चुनाव आयोग : प्रेमचंद्र

पटना 11 अगस्त (वार्ता) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद बिहार में तय समय पर ही चुनाव कराने संबंधी मुख्य चुनाव आयुक्त के बयान को निराशाजनक बताते हुए आयोग से बिहार को कोविड-19 का प्रयोगशाला नहीं बनाने की प्रार्थना की।

श्री मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि अधिकांश दलों ने अब तक तीन बार आयोग से कहा है कि कोरोना को लेकर अभी जो परिस्थिति उत्पन्न हुई है वह निष्पक्ष और संक्रमण मुक्त चुनाव के लिए बिल्कुल ही उचित नहीं है। ऐसे हालात में चुनाव फर्जी तरीकों से हो सकता है लेकिन वास्तविक चुनाव के लिए आमलोगों की भागीदारी होना जरूरी है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले तीन सप्ताह से बिहार में संक्रमित मरीजों और मृतकों की संख्या जिस तेजी से बढ़ी है वह न सिर्फ चिंताजनक है बल्कि सामुदायिक संक्रमण का खतरा उत्पन्न होने की आशंका बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि पिछले 15-20 दिनों में लगभग 46 हजार नए संक्रमित मरीज चिन्हित किये गए हैं और प्रतिदिन 15 से 20 की औसत से लोग मौत के शिकार भी हो रहे हैं। इसके बावजूद तय समय पर चुनाव होने की बात कह कर आयोग ने असंवेदनशील और गैर जिम्मेदार रुख अपनाया है।

श्री मिश्रा ने सवाल किया कि क्या चुनाव आयोग आम मतदाताओं, चुनावकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों और राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों को संक्रमण मुक्त चुनाव की गारंटी देगा। उन्होंने कहा कि आयोग यह भी स्पष्ट करे कि क्या उसके ऊपर इसके लिए कोई राजनीतिक दवाब तो नहीं है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि इन सबके बावजूद यदि चुनाव आयोग और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) चुनाव कराने पर आमादा हैं तो यह बिहार के लोगों में लिए अत्यंत ही खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि कहीं चुनाव आयोग कोविड-19 संक्रमण के बीच चुनाव कराने को लेकर बिहार की जनता के साथ कोई प्रयोग तो नहीं कर रहा है। ऐसे हालात में बिहार को कोरोना का प्रयोगशाला बनाना एक आपराधिक लापरवाही होगी और जानमाल के नुकसान की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी।

शिवा सूरज

वार्ता

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