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बिहार को सशक्त नेतृत्व चाहिए पिछलग्गू नेता नहीं - प्रशांत

बिहार को सशक्त नेतृत्व चाहिए पिछलग्गू नेता नहीं - प्रशांत

पटना 18 फरवरी(वार्ता) जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से निष्कासित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गाडसे की विचारधारा को मानने वाले लोगों के साथ खड़े होने का आरोप लगाते हुए भविष्य की अपनी योजनाओं का भी खुलासा किया और कहा कि बिहार के विकास के लिए एक सशक्त नेता चाहिए पिछलग्गू नहीं ।

श्री किशोर ने जदयू से निष्कासन के 20 दिनों के बाद आज यहां पहली बार संवाददाता सम्मेलन में श्री नीतीश कुमार के साथ वैचारिक मतभेदों के संबंध में खुल कर चर्चा की और कहा कि उनसे उनके (नीतीश कुमार) मतभेद के दो कारण हैं । पहला कि श्री कुमार कहते हैं कि वह गांधी, जेपी (जयप्रकाश नारायण) और लोहिया की विचारधारा को नहीं छोड़ सकते लेकिन दूसरी ओर वह गोडसे की विचारधारा से सहमति रखने वालों के साथ खड़े हो जाते हैं । उन्होंने कहा कि श्री कुमार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ रहना चाहते हैं तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन गांधी और गोडसे की विचारधारा एक साथ नहीं चल सकती।

जदयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के नेता के तौर पर श्री कुमार को बताना पड़ेगा कि गोडसे और गांधी की विचारधारा एक साथ कैसे चल सकती है । उन्होंने कहा कि पिछले 15 साल से श्री कुमार और उनकी पार्टी भाजपा के साथ रही है यह उन्हें (किशोर) भी मालूम है लेकिन आज जो भाजपा है उसमें जमीन आसमान का फर्क है । उन्होंने कहा कि उनके लिए 2014 में चुनाव हारे हुए और दो सांसद वाली पार्टी के नेता नीतीश कुमार के प्रति ज्यादा सम्मान था लेकिन आज गुजरात का कोई नेता गठबंधन में श्री नीतीश कुमार की स्थिति बताता है तो यह अच्छी बात नहीं है ।

शिवा

जारी वार्ता

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