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मंदिर की संपत्तियों के लिए नयी किराया नीति शीघ्र-सिंह

जयपुर, 27 फरवरी (वार्ता) राजस्थान के देवस्थान मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने आज विधानसभा में आश्वस्त किया कि प्रदेश में मंदिर की संपत्तियों को अनाधिकृत कब्जों से छुड़ाने के लिए न्यायालय में अच्छी पैरवी कराई जा रही है तथा इन संपत्तियों के लिए नयी किराया नीति भी शीघ्र लागू की जायेगी।
श्री सिंह प्रश्नकाल में विधायकों के पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि वर्ष 2000 की किराया नीति के अनुसार प्रति तीन वर्ष के बाद किराये में 15 प्रतिशत की वृद्धि का प्रावधान किया गया था। इस नीति पर उच्च-न्यायालय द्वारा स्टे लगाये जाने के कारण राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही नयी किराया नीति जारी की जायेगी। जिसका कैबिनेट मैमो तैयार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि मंदिर की संपत्तियों से अवैध कब्जा हटाने के लिए अच्छे वकीलों द्वारा पैरवी कराकर हाल ही प्रदेश में कई संपत्तियों का कब्जा वापस लिया गया है।
उन्होंने बताया कि जयपुर में बड़ी चौपड़ स्थित लक्ष्मीनारायण जी बाई जी मंदिर का कब्जा इस वर्ष में लिया गया है। इसी प्रकार श्री रामचन्द्र जी मंदिर, श्री गोपाल जी मंदिर, श्री गोवर्धन नाथ जी मंदिर, बड़ी चौपड का कब्जा भी लिया गया है। उन्होंने कहा कि अलवर के तीन, खेतड़ी तथा कोटा की एक-एक अजमेर की चार, ऋषभदेव जी मंदिर की दस तथा उदयपुर की एक संपत्ति का कब्जा भी राज्य सरकार द्वारा प्राप्त किया गया है।
इससे पहले श्री सिंह ने विधायक अशोक लाहोटी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि प्रदेश के देवस्थान मंदिरों के अधीन दुकानों, आवासीय एवं व्यावसायिक परिसर किराये पर दिये हुये हैं। वित्त वर्ष 2018-19 मे 3 करोड़ 95 लाख 76 हजार 216 रुपये एवं वर्ष 2019-20 में 31 जनवरी, 2020 तक 3 करोड़ 95 लाख 98 हजार 980 रुपये की आय हुई।
श्री सिंह ने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 में आठ करोड़ 54 लाख 25 हजार 221 रुपये एवं वर्तमान वित्त वर्ष 2019-20 में गत 31 जनवरी तक 9 करोड़ 64 लाख 02 हजार 319 रुपये किरायेदारों पर बकाया है। बकाया राशि की वसूली के लिए सक्षम न्यायालय में वाद दायर किये गये हैं तथा शीघ्र वसूली के लिए समय समय पर संबधित को निर्देशित किया जाता रहा है।
जोरा
वार्ता
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