Saturday, Apr 27 2024 | Time 00:01 Hrs(IST)
image
राज्य » राजस्थान


राफेल मुद्दे पर माफी मांगें राहुल गांधी - त्रिवेदी

राफेल मुद्दे पर माफी मांगें राहुल गांधी - त्रिवेदी

जयपुर, 16 नवम्बर (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राफेल के मुद्दे पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने जो भ्रामक दुष्प्रचार किया उसके लिये उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

श्री त्रिवेदी ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के आचरण पर जो टिप्पणी की है, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि उनके व्यक्तित्व में बाल सुलभ चंचलता है। यह निर्णय 14 नवम्बर को ही हुआ जब देश में बाल दिवस मनाया जाता है। यह उनके बचकानेपन का प्रमाण है।

श्री त्रिवेदी ने कहा कि है कि आयकर के मामले में न्यायालय ने गांधी परिवार को छूट देने से इन्कार कर दिया है। एक तरह से उन्हें दोषी माना है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी किसी राष्ट्रीय पार्टी के पहले ऐसे अध्यक्ष होंगे जिनको उच्चतम न्यायालय द्वारा माफी मांगने को कहा गया। साथ ही दो बार गलतबयानी का एक प्रकार से दोषी माना।

श्री त्रिवेदी ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बड़े बड़े वायदे करके भूल गये। उन्हें सत्ता में आये करीब सालभर हो गया, लेकिन उन्होंने जनता से किये वायदे नहीं निभाये हैं। दिल्ली में भी उन्होंने सवालों का जवाब नहीं दिया। जिस तरह वह निकाय चुनाव में अध्यक्षों के चुनाव के लिये उन्होंने अपना रुख बदला है उससे स्पष्ट है कि वह संभावित हार से आशंकित हैं। उन्होंने श्री गहलोत द्वारा नेहरू और भाजपा की तुलना करते हुए राजा भोज और गंगू तेली के मुहावरे का इस्तेमाल किया है वह उनकी जातीय मानसिकता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि भाजपा श्रम से इस मुकाम तक पहुंची है। वर्तमान में दुनिया की सबसे बड़ी पाटी है, जबकि कांग्रेस गांधी परिवार को विरासत में मिली है जिसका श्री राहुल गांधी ने सब कुछ लुटा दिया है। महाराष्ट्र में चल रहे घटनाक्रम के सवाल पर श्री त्रिवेदी ने कहा कि 1995 में ही ठाकरे साहब के समय में शिवसेना और भाजपा में समझौता हुआ था कि जिसकी सीटें अधिक होंगी उसी पार्टी का मुख्यमंत्री बनेगा। इस समझौते का भाजपा ने सदैव पालन किया। जेएनयू में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि फीस वृद्धि मुद्दा नहीं था बल्कि यह वैचारिक वैमनस्यता है।

सुनील

वार्ता

image