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वे 'नामदार', हम 'कामदार', कामदारों को सदियों से आदत है गाली खाने की : मोदी

मुरैना, 25 अप्रैल (वार्ता) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का बिना नाम लिए उन पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कांग्रेस के 'शहजादे' को मोदी का अपमान करने में मजा आता है, पर कोई बात नहीं, वे 'नामदार' हैं, हम 'कामदार' और कामदारों को सदियों से नामदारों की गाली खाने की आदत है।
श्री मोदी मध्यप्रदेश के मुरैना में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी उपस्थित रहे। मुरैना में तीसरे चरण में चुनाव होना है। यहां सात मई को मतदान होगा।
प्रधानमंत्री ने बिना किसी लाग-लपेट के कहा कि कांग्रेस के 'शहजादे' आजकल बहुत चिंतित हैं। आए दिन उनको मोदी का अपमान करने में मजा आता है। वे कुछ भी बोलते जा रहे हैं। हालांकि सोशल मीडिया और टीवी पर लोग चिंता जता रहे हैं कि प्रधानमंत्री के लिए ऐसी भाषा बोलना ठीक नहीं है। कुछ लोग दुखी भी हो रहे हैं कि देश के प्रधानमंत्री के लिए ऐसी भाषा क्यों बोली।
उन्होंने कहा कि मेरी सबसे विनती है कि आप दुखी मत होइए, गुस्सा मत करिए, आपको पता है वे 'नामदार' हैं, हम 'कामदार'। नामदार तो कामदारों से सदियों से ऐसे ही गाली गलौच करते हैं, ठोकर मारते हैं। उन्होंने कहा कि वे (स्वयं श्री मोदी) भी आम लोगों के बीच से, गरीबों में से निकले हैं, 5-50 गाली अगर पड़ भी गईं तो पड़ गईं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो (कांग्रेस) इतने निराश हैं कि आगे बहुत कुछ बोलेंगे, पर दु:खी होने वाले लोग दु:खी ना हों, अपना समय ना खराब करें। कामदार सहन करने के लिए ही पैदा हुए हैं, सहन भी करेगे और मां भारती की सेवा भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीति है, जो देश के लिए सबसे ज्यादा योगदान और मेहनत करे, उसे सबसे पीछे रखो, इसीलिए कांग्रेस ने इतने साल तक सेना के जवानों की 'वन रैंक वन पेंशन' जैसी मांग पूरी नहीं होने दी।
उन्होंने कर्नाटक सरकार द्वारा मुस्लिमों को ओबीसी वर्ग में डालकर उन्हें ओबीसी आरक्षण की सुविधा देने का मुद्दा भी उठाया और कहा कि कांग्रेस फिर से धार्मिक तुष्टिकरण को मोहरा बना रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ओबीसी वर्ग का आरक्षण चोरी कर रही है। वोट बैंक और तुष्टिकरण में डूबी कांग्रेस कर्नाटक का ये मॉडल पूरे देश में लागू करना चाहती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का हक छीनने की साजिश लंबे समय से कर रही है। 19 दिसंबर 2011 को उनकी सरकार के समय धर्म के नाम पर आरक्षण देने का एक मसौदा कांग्रेस सरकार कैबिनेट में लेकर आई। कैबिनेट नोट में कहा गया कि ओबीसी समाज को जो 27 फीसदी आरक्षण मिलता है, उसका एक हिस्सा काटकर मजहब के नाम पर दिया जाएगा। दो दिन बाद 22 दिसंबर को इसका आदेश भी निकाल दिया गया। बाद में आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय ने कांग्रेस सरकार के इस आदेश को रद्द कर दिया। सरकार सुप्रीम कोर्ट गई, पर राहत नहीं मिली, तब 2014 में कांग्रेस ने घोषणा पत्र में लिखा कि धर्म के आधार पर आरक्षण देने के लिए कानून बनाना पड़े तो कानून बनाएंगे।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2014 में ओबीसी समाज जाग गया और उन समाजों ने एक होकर कांग्रेस के सपने को मिट्टी में मिला दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कांग्रेस आती है तो दलितों, पिछड़ों, सामान्य वर्ग के गरीबों को योजनाओं का लाभ नहीं मिलता। कांग्रेस की चले तो वो गरीब कल्याण की योजनाओं का लाभ भी धर्म के आधार पर दे दे। कांग्रेस डंके की चोट पर कहती है कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। मोदी कहता है कि पहला हक देश के गरीबों पिछड़ों का है। कांग्रेस एक के बाद एक ऐसी घोषणाएं कर रही है जो देश को भी कमजोर करेंगी और परिवार को भी।
गरिमा प्रशांत
वार्ता
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