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सेवानिवृत बिग्रेडियर ने मोदी सरकार पर सेना की उपेक्षा का लगाया आरोप

रायपुर 19 सितम्बर(वार्ता)पूर्व सैन्य अधिकारियों के संगठन वेटरन इंडिया की छत्तीसगढ़ इकाई के अध्यक्ष बिग्रेडियर प्रदीप यदु ने मोदी सरकार पर सेना की उपेक्षा करने तथा वन रैंक वन पेंशन मामले में देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
सेवानिवृत बिग्रेडियर श्री यदु ने आज यहां प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि सेना की इतनी उपेक्षा किसी भी सरकार में नही हुई है।उन्होने कहा कि सेना के साथ चली आ रही परम्पराओं का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निर्वहन नही कर रहे है।उन्होने कहा कि सातवें वेतनमान पर तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने तीनों सेना प्रमुखों को पत्र लिखकर कहा था कि वह इस वेतनमान को स्वीकारे,बाद में सेना की मांग को सुना जायेगा,लेकिन बाद में कोई सुनवाई नही हुई।
उन्होने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ कि सशस्त्र सेनाओं की अनदेखी कर सरकार ने अपनी अधिसूचना जारी की।उन्होने कहा कि पांचवे वेतनमान के समय सेना को राशन प्रदान किया गया था लेकिन सातवें वेतनमान के समय मोदी सरकार ने इसे वापस ले लिया। उन्होने कहा कि लगभग 25 लाख सैन्य पेँशनर है जिन्हे औसतन 15 हजार रूपए पेंशन के मिलते है जबकि सेना में ही सिविल के पेंशनरों को औसतन 33680 रूपए औसत पेंशन मिलती है। इसके विपरीत आईएएस एवं आईपीएस को 93 हजार पेँशन।आखिर यह भेदभाव क्यों।
श्री यदु ने कहा कि कठिन क्षेत्र भत्ता लेह और गुवाहाटी में गैर सैन्य लोगो को 53 हजार मिल रहा है जबकि सियाचिन ग्लेशियर में हर क्षण मौत का सामना करने वाले सैऩ्य बलों को 29 हजार मिल रहा है। उन्होने रक्षा मंत्रालय के रवैये पर भी गंभीर सवाल उठाए और कहा कि वहां सैन्य बलों के बारे में निर्णय लेने वाले 1300 गैर सैन्य अधिकारी कर्मचारी है जिन्हे सैन्य बलों की दिक्कतों से लेना देना नही है।
साहू
जारी.वार्ता
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