वाराणसी, 04 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जिला प्रशासन एवं विद्या भारती के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय आंगनवाड़ी प्रशिक्षण कार्यक्रम का सोमवार को दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया।
उन्होंने बीएचयू में में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में बहुत बल है। इसमें चार से छह वर्ष की शिक्षा आंगनवाड़ी का एक हिस्सा है। शुरुआती आठ वर्ष तक जो सिखाया जाता है, उसका 80 फ़ीसदी सीख कर आदत में ढल जाती है। इसलिए प्रारंभिक शिक्षा अति महत्वपूर्ण है।
श्रीमती पटेल ने कहा कि संसाधनों की कमी नहीं है। आंगनवाड़ी केंद्र को अनुपमशाला बनाएं। पर्व, त्योहारों पर उसके अनुरूप राखी बनाना, राष्ट्रीय पर्व पर महापुरुषों की वेशभूषा में सजाना आदि कार्यों को प्लानिंग कर करें और संकल्प के साथ करें। इसका बहुत अच्छा असर होगा।
उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों से कहा कि वो बच्चों को पंचायत भवन, पोस्ट ऑफिस, गांव का बाजार आदि दिखायें । उन्होंने कहा कि इससे बच्चों में देखकर वहां काम करने की उत्सुकता होगी। गांव के गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात कराएं। बच्चों की उम्र के अनुरूप सरल योगा के क्रियाकलाप, जिसमें अच्छे से बैठना, हाथ पैर ऊपर नीचे करना आदि कराये। इससे अच्छी आदत पड़ेगी। खेल, खिलौना आदि के माध्यम से भाषा, गणित, विज्ञान, रंगो, अंकों का ज्ञान कराएं। पर्यावरण, संयुक्त परिवार, राष्ट्रप्रेम, अच्छी सीख विषयक बाल कहानियां रोचक ढंग से सुनाएं और उन्हें बच्चों के सुनने, पूछने व बोलने की सहभागिता कराएं।
उन्होंने गुजरात की मुख्यमंत्री रहते हुए आंगनवाड़ी के सुधार के लिए किए गए अनुभव को भी साझा किया है।
इस अवसर पर उन्होंने विद्या भारती द्वारा बाल शिक्षा के लिए तैयार की गई पुस्तिका “प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्ष” का विमोचन किया।
राज्यपाल ने कहा कि पुस्तिका में बाल शिक्षा के बहुत महत्वपूर्ण, रोचक, उपयोगी सामग्री का समावेश है, जो संस्कारित शिक्षा के लिए बहुत उपयोगी होगी।
इस मौके पर प्रदेश की मंत्री स्वाति सिंह ने श्रीमती पटेल को अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह एवं पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। अपने संबोधन में स्वाति सिंह ने कहा कि सेवापूरी ब्लॉक क आंगनवाड़ी कार्य पूरे प्रदेश के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा की यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उपयोगी होगा और नई शिक्षा नीति लागू करने में काशी प्रथम होगी। उन्होंने आगनवाड़ी कार्यकत्रियों से अपेक्षा भी की वह जैसे अपने बच्चों के साथ रहती हैं, उसी भावना के साथ आंगनवाड़ी के बच्चों के साथ उन्हें संस्कारित, अच्छे भाव एव शिक्षा देंगी।
इस अवसर पर शिक्षा भारती के कई पदाधिकारी एवं विभागीय अधिकारी तथा लगभग 350 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित थे।
बीरेंद्र त्यागी
वार्ता