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विकास और पर्यावरण में संतुलन आवश्यक: चौहान

विकास और पर्यावरण में संतुलन आवश्यक: चौहान

भोपाल, 05 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि यह धरती केवल मनुष्यों की नहीं है, अपितु इस पर पशु-पक्षी, कीट-पतंगे, नदी-तालाब, समुद्र आदि सभी का अधिकार है।

श्री चौहान ने आज सुभाष मंच हरदा द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित वृहद वृक्षारोपण का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सैद्धांतिक शुभारंभ किया तथा इसके पश्चात संस्था के सदस्यों को वीसी के माध्यम से संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि विकास की अंधी दौड़ में मनुष्य ने प्रकृति का अंधाधुंध शोषण किया। जंगलों का सफाया किया। कारखानों के जहरीले उत्सर्जन ने वातावरण को प्रदूषित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती में रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के प्रयोग ने जल एवं खाद्य साम्रग्री को दूषित कर दिया। वस्तुत: यह विकास नहीं विनाशकारी है। विकास और पर्यावरण में संतुलन परम आवश्यक है। यदि हमें अपने पर्यावरण को बचाना है तो पेड़ लगाना होंगे। पेड़ न केवल वातावरण को शुद्ध करते हैं, हमें भोजन प्रदान करते हैं अपितु भूमि का जल स्तर बढ़ाते हैं तथा जल को संग्रहित करके रखते हैं।

इस अवसर पर कृषि मंत्री कमल पटेल तथा हरदा जिले से वीडियो कान्फ्रेंसिंग में संस्था के संयोजक गौरीशंकर मुकाती आदि उपस्थित थे।

वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम के अंतर्गत हरदा, खण्डवा, सीहोर एवं होशंगाबाद जिले की विभिन्न नदियों के किनारे 2 लाख 57 हजार पौधे लगाये जायेंगे। हरदा जिले के टिमरनी, रहटगांव, सिराली एवं हंडिया में 603 किसानों द्वारा 1 लाख 85 हजार पौधे, खण्डवा जिले के विकासखंड हरसूद के विभिन्न ग्रामों में 218 किसानों द्वारा 50 हजार पौधे, सीहोर जिले के नसरूल्लागंज में 15 किसानों द्वारा 5 हजार पौधे, होशंगाबाद के इटारसी में 30 किसानों द्वारा 12 हजार पौधे तथा देवास जिले के खातेगांव में 5 हजार पौधे लगाये जाएंगे।

श्री चौहान ने कहा कि सुभाष मंच हरदा द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में नहरों के किनारे वृहद वृक्षारोपण का कार्य अत्यंत सराहनीय है। इसके लिये संस्था प्रमुख श्री मुकाती एवं उनकी टीम बधाई एवं धन्यवाद के पात्र हैं।

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि वृहद वृक्षारोपण के अंतर्गत इन चारों जिलों की नर्मदा, केवलारी, रूपारेल, घोड़ापछाड़, अजनाल, मटकुल, माचक, देदली, सुकनी आदि नदियों के किनारे बड़ी संख्या में वहां के किसानों द्वारा फलदार वृक्ष लगाये जायेंगे। इन वृक्षों की देखभाल किसान करेंगे तथा उनके फल भी वे प्राप्त करेंगे।

बघेल

वार्ता

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