राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Sep 25 2019 6:43PM तंगहाली के चलते रेल कारिडोर परियोजनाओं से हट रही हैं भूपेश सरकार- भाजपा
रायपुर 25 सितम्बर(वार्ता)छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा ने भूपेश सरकार पर आरोप लगाया हैं कि वित्तीय तंगहाली के चलते राज्य के अंशदान से बचने कारिडोर एवं रेल परियोजनाओं से भूपेश सरकार हटने की कवायद में जुट गई है।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि रेल कॉरिडोर छत्तीसगढ़ के विकास में मील का पत्थर सिध्द होगा जिससे न केवल राज्य के हजारों नौजवान युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध होगा अपितु छत्तीसगढ़ की प्रचुर खनिज सम्पदा का व्यापक रूप से प्रदेश की आर्थिक उन्नति के लिए भी उपयोग होगा।पर भूपेश सरकार इस महत्वपूर्ण परियोजना को इसलिए ठंडे बस्ते में डालना चाह रही है क्योंकि यह परियोजना भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा लायी गई थी।
उन्होने कहा कि इस परियोजना में कुल लागत का 64 प्रतिशत एसईसीएल, 26 प्रतिशत इरकॉम (इंडियन रेल्वे कम्पनी) एवं 10 प्रतिशत राज्य सरकार की हिस्सेदारी हैं। राज्य के 10 प्रतिशत अंश का मात्र 620 करोड़ रूपया देने के लिए भूपेश सरकार के पास पैसा नही है इसलिए सच बता नहीं सकते तो छत्तीसगढ़ के भविष्य के साथ पर्यावरण विस्थापन आदि का बहाना बनाकर इससे निकलने की कवायद में जुट गई है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ रेल परियोजनाओं के विस्तार के समय डॉ. रमन सिंह की सरकार ने सार्वभौमिक विकास की दृष्टि से तात्कालीन कांग्रेस सरकार के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद इसकी स्वीकृति दी थी।यह देखने में आ रहा है कि जो भी परियोजनाएं पूर्व की भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ के उत्तरोत्तर विकास के लिए लाई थीं, उन सारी परियोजनाओं को ठंडे बस्ते में डालने का काम भूपेश सरकार द्वारा किया जा रहा है।
साहू
वार्ता