लखनऊ 07 जनवरी (वार्ता) समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारों में संवैधानिक संस्थाओं पर खतरा मंडरा रहा है।
श्री यादव ने कहा कि नये साल में उम्मीद थी कि भाजपा सरकार जनहित की दिशा में कोई कदम उठाएगी लेकिन उसने नई समस्याएं पैदा करना शुरू कर दिया। अर्थव्यवस्था तो सुधरी नहीं, मंहगाई चरम पर पहुंच गई है। दरअसल, भाजपा फिजूल के मुद्दों में उलझाए रखकर भाजपा सरकार समय की बर्बादी कर रही है।
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में नौजवानों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं हुआ। बेरोजगारों की फौज बढ़ती जा रही है। किसानों की हालत दयनीय है। कर्ज में डूबे किसानों की आत्महत्याएं थम नहीं रही है। छात्रों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। फीस में अनापशनाप वृद्धि की जा रही है। सरकारी शह पर विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पर आघात हो रहा है और उन्हें बदनाम किया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के बाद देश में व्यापार धंधा चौपट हो गया है। केन्द्र सरकार की मेक इन इण्डिया, स्टार्ट अप इण्डिया, मुद्रालोन आदि योजनाओं का अब नाम भी नहीं सुनाई पड़ता है। महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा खतरे में है। स्कूलों के बच्चों को बचा नहीं पा रहे है। भाजपा सरकार उन्हें स्वेटर देने में असमर्थ है। भाजपा सरकार आज तक विकास की कोई मंजिल हासिल नहीं कर सकी है। सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें ही होती रही है।
उन्होने कहा कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी के बहाने समाज को बांटने तथा आतंकित करने की साजिशें हो रही है। नागरिकों की आजादी को नियंत्रित कर अंकुश लगाना मौलिक अधिकारों का हनन है। भाजपा लोकतांत्रिक व्यवस्था में विधि सम्मत कामों में भी रोड़ा अटकाती है। देश में इससे भ्रम, भय और भ्रष्टाचार के प्रसार की आशंका को झुठलाया नहीं जा सकता है।
प्रदीप
वार्ता