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कर्नाटक में तीन उप मुख्यमंत्री बनाये जाने पर भाजपा सांसद ने उठाये सवाल

कर्नाटक में तीन उप मुख्यमंत्री बनाये जाने पर भाजपा सांसद ने उठाये सवाल

बेंगलुरु, 27 अगस्त (वार्ता) कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपाध्यक्ष एवं सांसद वी श्रीनिवास प्रसाद ने राज्य में तीन उपमुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के पार्टी आलाकमान के फैसले पर सवाल खड़ा किया है और कहा है कि यदि वरिष्ठ नेताओं ने ऐसा निर्णय लिया है तो यह एक गलती है।

श्री प्रसाद ने यहां मंगलवार को पत्रकारों से कहा, “ तीन मुख्यमंत्रियों की कोई जरूरत नहीं है, ऐसा करना मौजूदा स्थिति के मुताबिक अच्छा संकेत नहीं है।”

भाजपा नेता ने कहा कि यदि पार्टी आलाकमान ने फैसला लिया है तो यह एक गलती है। जनता सब कुछ देख रही है, आलाकमान को सही जानकारी दी जानी चाहिए थी। यह फैसला सही नहीं है और इससे विपक्षी दलों को गलत संकेत जाएगा। हमारे नेताओं को मिलकर काम करना चाहिए अन्यथा जनता में गलत संदेश जाएगा।

उन्होंने कहा कि पार्टी को अयोग्य करार दिए गए 17 विधायकों का भी ध्यान करना चाहिए, जिनके कारण भाजपा राज्य में सरकार बना सकी है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आलाकमान के इस फैसले के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया है और इससे राज्य में भाजपा की छवि खराब होगी।

श्री प्रसाद ने कहा कि अयोग्य करार दिए गए विधायकों का मामला उच्चतम न्यायालय में चल रहा है, इसलिए उनके लिए कैबिनेट में जगह बचा कर रखी जानी चाहिए ताकि मामला निपट जाने के बाद उन्हें कैबिनेट में शामिल किया जा सके।

इससे पहले मुख्यमंत्री बी एस येद्दियुरप्प्पा ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल में तीन उप मुख्यमंत्रियों को शामिल किया और हाल ही में जिन 17 मंत्रियों ने शपथ ली थी उन्हें विभागों को बंटवारा कर दिया गया है। विभागों का बंटवारा केन्द्रीय आलाकमान की सलाह पर किया गया है।

इन विभागों का बंटवारा पहले से ही तय माना जा रहा था और सर्वश्री गोविंद कारजोल, सीएन अश्वत नारायण तथा लक्ष्मण एस सावदी को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। श्री सावदी को परिवहन विभाग दिया भी दिया गया है। श्री कारजोल को उप मुख्यमंत्री पद के साथ सामाजिक कल्याण विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है और डॉ अश्वत को उच्च शिक्षा विभाग के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

गौरतलब है कि श्री येद्दियुरप्पा ने 26 जुलाई को ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी और अब हुए मंत्रिमंडल विस्तार की विपक्षी कांग्रेस तथा जनता दल (सेक्युलर) ने कड़ी आलोचना की है।

 

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