लखनऊ, 30 मई (वार्ता) संगठन और सरकार में अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से पालन करने वाले डा0 महेन्द्र नाथ पांडेय को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जाना जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटे चंदौली में डा पांडेय लगातार दूसरी बार निर्वाचित हुये है। भाजपा के डा पांडेय ने 5,10,733 वोटों के साथ जीत दर्ज की जबकि उनके निकटतम प्रतिद्धंदी सपा के संजय सिंह चौहान 4,96,774 वोट मिले थे। गुरूवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हे कैबिनेट मंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी।
15 अक्तूबर 1957 को गाजीपुर के पखनपुर गांव में जन्मे डा0 पांडेय ने एमए, पीएचडी के साथ ही पत्रकारिता में परास्नातक डिग्री हासिल की। वह 1978 में बीएचयू छात्रसंघ में महामंत्री रहे। इसी साल वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। डा पांडेय की राम जन्मभूमि आंदोलन में भी भागीदारी रही है। राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान उन्हें रासुका के तहत निरुद्ध कर दिया गया था। आपातकाल के दौरान में वह पांच माह के लिए डीआरडीए के तहत जेल भेजे गए थे।
डा0 पांडेय पहली बार वर्ष 1991 में विधायक बने और उन्हे कल्याण सिंह सरकार में नगर आवास राज्यमंत्री के पद से नवाजा गया। 1996 में वह एक बार फिर विधानसभा के लिये निर्वाचित हुये। वर्ष 1998 से 2000 तक पंचायत राज्यमंत्री और नियोजन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे।
वर्ष 2014 में उन्होने भाजपा के टिकट पर चंदौली से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तत्कालीन मोदी सरकार में उन्हे मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री का पद दिया गया हालांकि अगस्त 2017 में उन्हे उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के गठन के बाद भाजपा की कमान सौंपी गयी और एक कर्मठ कार्यकर्ता के तौर पर उन्होंने इस पद का बखूबी निर्वहन किया।
भाजपा आलाकमान के साथ साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विश्वासपात्र और करीबी रहे डा0 पांडेय की सरलता, सौम्यता की कार्यकर्ता तारीफ करते नहीं थकते हैं।
प्रदीप त्यागी
वार्ता