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ट्रेड यूनियनों और बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से कारोबार प्रभावित

ट्रेड यूनियनों और बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से कारोबार प्रभावित

जालंधर 08 जनवरी (वार्ता) केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में बुधवार को ट्रेड यूनियनों, बैंक यूनियनों और किसान संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान के कारण पंजाब के जालंधर जिले में पूर्ण बंद के कारण कामकाज प्रभावित रहा।

दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, बैंकों की पांच यूनियनों (एआईबीईए, एआइबीओए, आईएनबीओसी, बीईएफआई, आईएनबीइएफ) और किसान संगठनों की आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। पंजाब रोड़वेज, बैंक कर्मचारी और ट्रेड यूनियनों के हजारों कर्मचारी हड़ताल पर है। मजदूर संगठनों द्वारा जालंधर में कई स्थानों पर रास्तों को रोक देने के कारण बस तथा रेल यातायात प्रभावित है जिसके कारण लोगों को कार्यालय तथा छात्रों को स्कूलों और कालेज में जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने फल, सब्जियों और दूध की आपूर्ति को बाधित कर रखा है।

भारतीय जीवन बीमा निगम, सहकारी बैंक, आरबीआई, एफएमआरएआई (मेडिकल) आरबीएस और पीएसयू की यूनियनों ने भी हड़ताल का आह्वान किया है। अनुमान है कि लगभग 25 करोड़ कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में शामिल होंगे।

युनाईटिड फोर्म ऑफ बैंक यूनियन के जालंधर संयोजक अमृतलाल ने बताया कि सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के कारण जालंधर में बैंकों के लगभग 2500 कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे। उन्होंने कहा कि हड़ताल के कारण जालंधर में लगभग सात सौ करोड़ रूपय का लेनदेन प्रभावित हुआ है।

अमृतलाल ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को कार्पोरेट घरानों को सौंपना चाहती है, जोकि पहले ही बैकों का अरबों रूपया कर्ज डकार चुके हैं। उन्होंने बताया कि बैंकों का बैड लोन पन्द्रह लाख करोड के आंकड़े को पार कर चुका है। इसके अतिरिक्त पिछले पांच वर्षों में कार्पोरेट घरानों का 249927 करोड़ रूपये का कर्ज बट्टे खाते में डाला जा चुका है। कर्मचारियों की मांग है कि संसदीय समिति की सिफारियों को लागू किया जाए।

ठाकुर राम

वार्ता

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