Saturday, Apr 27 2024 | Time 05:47 Hrs(IST)
image
राज्य » अन्य राज्य


दसवीं की बोर्ड परीक्षा छात्रों के स्वास्थ्य को खतरे में डालकर नहीं होगी आयोजित

दसवीं की बोर्ड परीक्षा छात्रों के स्वास्थ्य को खतरे में डालकर नहीं होगी आयोजित

चेेन्नई, 08 जून (वार्ता) वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ संक्रमण की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि ऐसी विकट परिस्थिति में वह तमिलनाडु सरकार को दसवीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 जून से आयोजित कराने की अनुमति नहीं दे सकती है।

तमिलनाडु हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल द्वारा दायर याचिका पर शिक्षक संघ ने राज्य सरकार के 15 जून से परीक्षा आयोजित कराने के फैसले को चुनौती दी। जस्टिस विनीत कोठारी और न्यायमूर्ति आर सुरेश कुमार की खंडपीठ ने कहा, “हम राज्य के नौ लाख से अधिक छात्रों की जान जोखिम में नहीं डाल सकते हैं। यह शराब की दुकान को खोलने जैसा नहीं है।”

पीठ ने कहा कि वह प्रथम द्वष्टया इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है और इसी आधार पर राज्य सरकार को इस परीक्षा के आयोजन से राेकतीहै जिसकी तारीख 15 जून है। उसने राज्य सरकार से पूछा कि क्या तमिलनाडु सरकार यह लिखित में दे सकती है कि 15 जून से दसवीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने पर कोई भी छात्र कोरोना से संक्रमित नहीं होगा।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि कक्षा 10वीं के कुल 12,690 परीक्षा केंद्र होंगे और 11वीं कक्षा के 7,400 केंद्रों होंगे जिनमें 2.3 लाख से अधिक निरीक्षक शामिल होंगे।

वहीं, विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी सरकार से परीक्षा रद्द कराने का आग्रह किया है और कोरोना वायरस के प्रकोप तक इसे स्थगित करने को कहा है।

द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने आरोप लगाया कि सरकार छात्रों के जीवन के साथ खेल रही है जबकि चेन्नई इस समय कोरोना का प्रमुख हॉटस्पॉट बन चुका है।

शुभम जितेन्द्र

जारी वार्ता

image