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चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया

चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया

बेंगलुरु, 20 अगस्त (वार्ता) चाँद पर भारत के दूसरे मिशन चंद्रयान-2 के मंगलवार सुबह 9.02 बजे सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और मील का पत्थर स्थापित कर दिया।

इसरो के अध्यक्ष के. शिवन ने आज यहाँ संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि चंद्रयान-2 ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर लिया है। चंद्रयान के तीन हिस्से में से एक ऑर्बिटर चंद्रमा का चक्कर लगातार रहेगा जबकि लैंडर और उससे जुड़ा रोवर 07 सितंबर अलग होकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। उन्होंने बताया कि लैंडर को 07 सितंबर को तड़के 1.55 बजे चंद्रमा की सतह पर उतारने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद रोवर भी लैंडर से अलग हो जायेगा और 500 मीटर के दायरे में चंद्रमा की सतह पर घूमकर कई प्रयोग करेगा।

उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 आज सुबह 9.20 बजे चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया। प्रक्षेपण के लगभग 29 दिनों के बाद चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया है। चंद्रयान को धरती से चंद्रमा तक जाने वाले सीधे रास्ते से मोड़कर चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने की पूरी प्रक्रिया में 1738 सेंकेड का समय लगा।

डॉ शिवन ने बताया कि यह प्रक्रिया बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण थी। चंद्रयान ने 10.9 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से 114 किलोमीटर गुणा 18,072 किलोमीटर की चंद्रमा की वक्र कक्षा में प्रवेश किया। यह तकनीक देश के लिए नयी थी। इस दौरान गति कम या ज्यादा होने से यान गहरे अंतरिक्ष में खो सकता था या चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण चंद्रमा की सतह में से टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो सकता था।

भारत के राष्ट्र ध्वज को लेकर जा रहा चंद्रचान-2 चंद्रमा के ‘दक्षिणी ध्रुव’ पर उतरने वाले दुनिया का पहला मिशन होगा। चंद्रयान-2 का 22 जुलाई को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया था और 14 अगस्त तक वह पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाता रहा। इसके बाद छह दिन की यात्रा कर वह पृथ्वी की कक्षा से आज चंद्रमा की कक्षा में पहुँचा है।

राम श्रवण अजीत

जारी वार्ता

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