अमृतसर, 07 अप्रैल (वार्ता) अमृतसर में उद्योग, सीवरेज और डेरियों का पानी भूमिगत जल के साथ मिलने से कई तरह की बीमारियां पैदा हो रही हैं और नवजात बच्चों का डीएनए भी प्रभावित हो रहा है।
सांसद गुरजीत सिंह औजला ने बुधवार को स्थानीय बचत भवन में प्रदूषित पानी पर एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अमृतसर की तुंग जोहड़ ड्रेनेज में छह ड्रेनों का पानी मिलता है और कई उद्योगों और डेरियों का पानी भी ड्रेनों में मिलने के कारण भू-जल काफी गंदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि समय पर इस समस्या पर काबू न पाया गया तो आने वाला समय काफी घातक साबित होगा।
सांसद ने बताया कि इस समस्या के साथ निपटने के लिए सम्बन्धित विभागों के साथ मिलकर कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि जिले में एक नया डेरी काम्प्लैक्स तैयार किया जायेगा और इस काम्प्लैक्स में ट्रीटमेंट पलांट भी लगाया जायेगा। उन्होंने नये डेरी काम्प्लैक्स बनाने के लिए ज़िला विकास पर पंचायत अफ़सर को निर्देश दिए कि इस सम्बन्धित जल्दी ही एक प्रोजेक्ट तैयार किया जाये।
श्री औजला ने कहा कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की तरफ से भी नगर निगम और प्रदूषण बोर्ड को हिदायतें जारी की गई हैं कि ड्रेनेज में सीवरेज, उद्योगों और डेरियों का पानी न डाला जाये। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभागों को निर्देश जारी किये हैं कि सड़कों के दाहिने और बांये तरफ नयी पाइप लाइन बिछाई जाये ताकि इस पाइप लाइन द्वारा सीवरेज, डेरियों और उद्योगों के पानी का निकास किया जाये और ड्रेनेज को साफ सुथरा रखा जा सके।
सांसद ने बताया कि गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी और पीजीआई के माहिरों की तरफ से खोज की गई है कि गुरु नगरी में धरती के नीचे का पानी और हवा का प्रदूषण बहुत खतरनाक स्थिति पर जा रहा है। उन्होंने बताया कि पानी और हवा के प्रदूषण के साथ कई तरह की बीमारियाँ पैदा हो रही हैं, जिसके साथ ड्रेनेज़ के साथ लगती रिहायशी कालोनी के नवजात बच्चों के डीएनए पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि हवा प्रदूषण के साथ लोगों के घरों के इलेक्ट्रॉनिकस समान भी ख़राब हो रहे हैं।
सांसद ने इन सभी मुश्किलों के हल के लिए डिप्टी कमिश्नर के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स समिति गठन करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह समिति 10 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उन्होंने कहा कि इस समिति में डिप्टी कमिश्नर के अलावा कमिश्नर नगर निगम, प्रदूषण विभाग के अधिकारी, डीडीपीओ, ड्रेनेज विभाग के अधिकारी, इंडस्ट्री विभाग, उद्योगपतियों के इलावा एनजीओ संस्था को भी शामिल किया जायेगा।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता